कर्पूरी ठाकुर: दो बार रहे सीएम लेकिन नहीं बनाई कोई निजी संपत्ति

कर्पूरी ठाकुर: दो बार रहे सीएम लेकिन नहीं बनाई कोई निजी संपत्ति
कर्पूरी ठाकुर: दो बार रहे सीएम लेकिन नहीं बनाई कोई निजी संपत्ति

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ठीक अगले दिन बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा कुछ लोगों को भले पसंद न आई हो, लेकिन भाजपा से लेकर कम्युनिस्ट पार्टियों के लोगों तक ज़्यादातर ने इसे पसंद ही किया है.

कर्पूरी ठाकुर ऐसे नेता थे, जिनका सम्मान सभी करते थे. उनके जीवन मूल्यों की आज भी सभी सराहना करते हैं.

 

उनके राजनीतिक विचार आज सर्वमान्य बन चुके हैं. उनके कार्यकाल में लिए गए फ़ैसलों का प्रभाव आज ज़्यादा प्रबल ढंग से महसूस किया जा रहा है.

 

उन्हें भारत रत्न दिया जाना अति पिछड़ा वोट पाने की आस लगाए बैठी बीजेपी का चुनावी दांव ही माना जा रहा है.

कर्पूरी ठाकुर पचास, साठ और सत्तर के दशक में बिहार के समाजवादी आंदोलन की पैदाइश थे. वो इसी धारा के बड़े नेता बने और दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने के साथ सोशलिस्ट पार्टियों के सर्वोच्च पदों तक गए.