मध्य प्रदेश के ईमानदार पुलिस अफसरों में शुमार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी कैलाश मकवाना मध्य प्रदेश पुलिस के नए मुखिया यानि डीजीपी बन गए हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मध्य प्रदेश के नए डीजीपी पद के लिए तीन आईपीएस अफसरों के पैनल पर अपनी मुहर लगाई थी, जिसमें कैलाश मकवाना का नाम शामिल था। अन्य दो नामों में डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, ईओडब्ल्यू के डीजी अजय शर्मा का नाम शामिल था।
शिवराज सरकार के कार्यकाल में लोकायुक्त के डीजी भी रहे
कैलाश मकवाना वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं। वे शिवराज सरकार के कार्यकाल में लोकायुक्त के डीजी (निदेशक जनरल) के पद पर भी रहे, हालांकि उन्होंने केवल छह महीने ही इस पद पर कार्य किया। मकवाना ने लोकायुक्त में डीजी बनने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। उन्होंने कई लंबित जांचों की फाइलें खोली और उन पर काम शुरू किया।
मकवाना ने अपनी गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) में सुधार की मांग के लिए मध्यप्रदेश शासन से 9 महीने पहले अपील की थी। उन्होंने सरकार को एक पत्र भेजकर बताया था कि लोकायुक्त में डीजी रहते हुए छह महीने के दौरान उनकी एसीआर खराब कर दी गई थी।
मकवाना ने इसे दुर्भावनापूर्वक किया गया बदलाव बताया और शासन से आग्रह किया था कि इस पर उचित निर्णय लिया जाए। डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के कुछ महीने पहले, वरिष्ठ सचिवों की एक समिति ने इस एसीआर को ठीक कर दिया था।
आईपीएस कैलाश मकवाना का सर्विस रिकॉर्ड
1989-1993
एएसपी, दुर्ग, मुरैना और जबलपुर
1994-1999
एसपी दंतेवाड़ा, बस्तर और मंदसौर, बैतूल
1999-2003
एसपी लोकायुक्त, डीआईजी एजेके
2020-2021
स्पेशल डीजी, सीआईडी और नॉरकोटिक्स
2021 से 2022
चेयरमैन पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन
DGP सुधीर कुमार सक्सेना का 30 नवंबर को पूरा हो रहा कार्यकाल
मध्यप्रदेश के 30वें पुलिस महानिदेशक, सुधीर कुमार सक्सेना, 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने पूर्व डीजीपी विवेक जौहरी के सेवानिवृत्त होने के बाद 4 मार्च 2022 को इस पद का कार्यभार संभाला था।
उनके कार्यकाल के दौरान साइबर सुरक्षा पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किया गया और नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। उनका डीजीपी के रूप में कार्यकाल 30 नवम्बर 2024 को समाप्त होने जा रहा है।