सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसने दिसंबर 2021 के बाद से ही कोविशील्ड वैक्सीन बनाना बंद कर दिया है.
इससे पहले फ़ार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने कहा है कि वो दुनिया भर की बाज़ारों से अपनी कोविड वैक्सीन वापस लेने जा रही है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राज़ेनेका के साथ मिलकर ही कोरोना महामारी के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन बनाई थी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ”भारत ने 2021 और 2022 में टीकाकरण के उच्च स्तर को हासिल किया. लेकिन नए वेरिएंट सामने आने से पुरानी वैक्सीन की मांग घट गई.”
”दिसंबर 2021 में हमने वैक्सीन बनाना बंद कर दिया और कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई को भी बंद कर दिया.”
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा, ”मौजूदा चिंताओं और सुरक्षा के मानकों को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. 2021 में वैक्सीन की पैकेजिंग में असामान्य साइड इफ़ेक्ट के बारे में जानकारी दी है.”
एस्ट्राज़ेनेका ने बीते दिनों ब्रिटेन की अदालत में जमा किए गए दस्तावेज़ों में पहली बार ये माना था कि उसके कोरोना की वैक्सीन से कुछ लोगों को कुछ असामान्य साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना का टीका लगवाने वाले कई लोगों ने मिलकर इस दवा कंपनी पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर हर्जाने की मांग के लिए केस किया है.
ये मुक़दमा दायर करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने इस वैक्सीन की वजह से अपने कई रिश्तेदारों को खो दिया और कई अन्य मामलों में कंपनी की कोरोना वैक्सीन से लोगों को गंभीर नुक़सान पहुंचा है.