हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ रहे, 3 दिन में 5 फैसले
भोपाल, एजेंसी। मध्य प्रदेश में भारी बहुमत से सत्ता में लौटी भाजपा सरकार के नए मुखिया डॉ. मोहन यादव यूपी के ष्टरूयोगी आदित्यनाथ की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने तीन दिन में पांच फैसले लिए हैं, उससे साफ है कि सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की बजाए हार्ड हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ने वाली है। पीएम मोदी की गारंटी को तय समय में पूरा करना सरकार का पहला एजेंडा है। कोशिश होगी कि सरकार का चेहरा बदला है, तो लोगों को धरातल पर कामकाज में फर्क भी केबिनेट की पहली बैठक में ही धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाने का निर्णयः 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने के बाद यादव ने अपने पहले फैसले में पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर इसके लिए हर शहर में उड़नदस्ते गठित किए जा रहे हैं। सभी कलेक्टर और एक अपने-अपने जिलों में धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर इस आदेश का पालन है। कराने में जुट गए हैं। एक सप्ताह बाद प्रशासन तेज आवाज वाले लाउड स्पीकर जब्त तेज आवाज वाले लाउड स्पीकर हटाने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए एक हफ्ते की मोहलत दी गई है। करेगा। स्रङ्कक्रभी दर्ज की जाएगी। कुछ इसी तरह का फैसला क्क में योगी सरकार ले चुकी है। इसका ड्राफ्ट भी क्क से ही मंगाकर तैयार किया गया है। लाउड स्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा यादव ने ये भी साफ कर दिया कि सरकार सनातन की राह पर चलेगी। इसी तरह DJ पर भी रोक लगाई है। ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के अनुसार धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम और यात्राओं में सिर्फ दो DJ की अनुमति दी जाएगी। डीजे भी मध्यम आकार के होने चाहिए। DJ और लाउड स्पीकर का उपयोग करने के लिए विधिवत अनुमति लेनी होगी। उप्र की तर्ज पर खुले में मांस मछली की बिक्री बैनः उप्र की तरह ही मप्र में भी अब खुले में मांस-मछली मांस-म की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय ने साफ कर दिया है कि ये कट्टर हिंदुत्व के धार्मिक स्थलों से 100 मीटर के दायरे में इस तरह की दुकानों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। सरकार के इस निर्णय का कई धार्मिक संगठनों ने स्वागत किया है। नगर निगम को इस पर कार्रवाई के लिए कहा गया है। पूरे प्रदेश में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान शुरू कर दिया है। भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन की राह पर चलने का संकेतः ष्टरूयादव ने 14 दिसंबर को प्रदेश के सभी कलेक्टर कमिश्नर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में साफ कर दिया है कि ईमानदारी से काम करने वालों को ही फील्ड में तैनात किया जाएगा। सीएम हेल्प लाइन के आंकड़ों के मुताबिक राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा शिकायतें नामांतरण संबंधी मामलों की आती हैं। प्रदेश में बोरवेल में बच्चों के गिरने और हो रही मौतों से बचने के लिए सभी कलेक्टरों की जवाबदारी तय करना भी इसी दिशा में बढ़ाया हुआ कदम माना जा रहा है।