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चुनावी हार का गुस्सा संसद में न निकालें, विपक्ष को पीएम मोदी की सलाह

By MPHE Dec 4, 2023
चुनावी हार का गुस्सा संसद में न निकालें, विपक्ष को पीएम मोदी की सलाह
चुनावी हार का गुस्सा संसद में न निकालें, विपक्ष को पीएम मोदी की सलाह

नई दिल्ली, एजेंसी। तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों की जीत से उत्साहित भाजपा के सांसदों ने आज संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत किया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर जैसे ही प्रधानमंत्री सदन में आये तो कई केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के सांसद मोदी मोदी के नारे लगाने लगे। इससे पहले संसद भवन पहुँचने पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी पार्टी के सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों ने स्वागत किया। इसके अलावा चुनावी राज्यों से संबंध रखने वाले सांसदों को अन्य सांसद जीत की बधाई देते नजर आये। संसद भवन में जब भाजपा सांसद मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे और तालियां बजा रहे थे तब अग्रिम पंक्ति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शांत बैठे मुस्कुरा रहे थे।

इससे पहले संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे, विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का गुस्सा ना निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ें। सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘चहत हो उत्साहवर्धक’ करार देते हुए उन्होंने कहा, “देश ने नकारात्मकता को नकारा है। सत्र के प्रारंभ में विपक्ष के साथियों के साथ हमारा विचार-विमर्श होता है। हमारी टीम उनसे चर्चा करती है। मिलकर के सबके सहयोग के लिए हम हमेशा प्रार्थना करते हैं। इस बार भी इस प्रकार की सारी प्रक्रियाएं कर ली गई हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सार्वजनिक रूप से हमेशा हमारे सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि लोकतंत्र का यह मंदिर
जन आकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नयी राह को अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच है। मैं सभी सांसदों से आग्रह कर रहा हूं कि वह ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं तथा सदन में जो भी विधेयक रखे जाएं, उन पर गहन चर्चा हो।” उन्होंने कहा कि एक सांसद जब सुझाव देता है तो उसमें जमोनो अनुभव का उत्तम तत्व होता है लेकिन अगर चर्चा ही नहीं होती है तो देश को इसका नुकसान होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजे के आधार पर कहूं तो विपक्ष में जो बैठे हुए साधी हैं उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है। इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले 9 साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर, इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे विपक्ष में हैं फिर भी वह उन्हें सकारात्मक सुझाव
दे रहे हैं कि सकारात्मक के भविष्य उज्जवल है।
साथ ही हर किसी का प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “निराश होने की जरूरत नहीं है। लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत्त उतारना। हताशा, निराशा होगी आपके साथियों को दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा… लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वह मंच मत बनाइए।” मोदी ने कहा कि वह अपने लंबे अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि आप (विपक्ष) थोड़ा-सा अपना रुख बदलिए और विरोध के लिए विरोध का तरीका छोड़ दीजिए। उन्होंने कहा, “देश हित में सकारात्मक चीजों का साथ दीजिए। जो कमियां है उन पर चर्चा कोजिए। आप देखिए, देश के मन में आज जो (विपक्ष के प्रति) नफरत पैदा हो रही है… हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए। तो मौका है यह। इसे जाने मत दीजिए।” प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से संसद सत्र में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि इसी में उनकी भलाई है कि वह देश को सकारात्मकता का संदेश दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आपकी छवि नफरत को और नकारात्मकता की बने, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नाहीं है। लोकतंत्र में विपक्ष भी महत्वपूर्ण और मूल्यवान है। उसे साम्यवान भी होना चाहिए। लोकतंत्र की भलाई के लिए मैं फिर से अपनी भावना को प्रकट करता हूं।”

By MPHE

Senior Editor

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