मोदी ने वल्लभ भाई पटेल को दी श्रद्धांजलि

मोदी ने वल्लभ भाई पटेल को दी श्रद्धांजलि
मोदी ने वल्लभ भाई पटेल को दी श्रद्धांजलि

गांधीनगर, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे के दूसरे दिन सुबह 8 बजे नर्मदा जिले के केवडिया स्थित पहुंचे। उन्होंने यहां लौह पुरूष और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पटेल की यहां 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहा जाता है। इसके बाद पीएम ने लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में देश की एकता और अखंडता के साथ-साथ कश्मीर में 370 को हटाए जाने पर भी बात की। साथ ही उन्होंने तेजी से बढ़ रही देश की विकास यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों पर भी हमला बोला।

तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद भी नहीं दिखता:  तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोग आज अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इन तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद भी नहीं दिखता है। यह धड़ा अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता पर चोट कर देश को नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं, ये लोग आतंकियों को बचाने के लिए रात को अदालत तक खुलवाते हैं। हमें इन लोगों से सतर्क रहना है।

हमें सरदार पटेल आशीर्वाद दे रहे होंगे– बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं होता। किसने सोचा था कि कभी कश्मीर आर्टिकल 370 से मुक्त भी हो सकता है। लेकिन, आज कश्मीर और देश के बीच आर्टिकल 370 की वह दीवार गिर चुकी है। सरदार पटेल जहां भी होंगे, इस बात को लेकर सबसे ज्यादा प्रसन्नता का अनुभव करते हुए हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे। आज कश्मीर के युवा भी खुली हवा में सांस ले रहे हैं और देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं।

गैर जरूरी कानूनों को हटाया जा रहा है– अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं। भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को मिटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है.

31 अक्टूबर राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बना– भारत के लोगों ने अब गुलामी की मानसिकता को तोड़कर आगे बढ़ने का संकल्प ले लिया है। आज हमारी एकता सरदार पटेल के सपने को पूरा कर रही है। जिस तरह 15 अगस्त हमारे देश की स्वतंत्रता का और 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिन है। उसी तरह 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।

देश के बेटे-बेटियां मेडल्स जीत रहे हैं– हमें गर्व है कि आज भारत चांद पर वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। हमें गर्व है कि आज भारत तेजस जेट से लेकर आईएनएस विक्रांत तक खुद बना रहा है। हमारे प्रोफेशनल्स दुनिया की कई अरबो- खरबों की कंपनियां चला रहे हैं। हमें गर्व है है देश के बेटे-बेटियां मेडल्स जीत रहे हैं।