पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ़्तों से जहां भी जाएं, एक शिकायत तो ज़रूर सुनने को मिलती है और वह यह है कि व्हाट्सऐप नहीं चल रहा, “इंटरनेट बहुत स्लो हो गया है.”
पाकिस्तान में अगर आप अपने फ़ोन से किसी को मोबाइल डेटा इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सऐप के ज़रिए वॉइस नोट या कोई तस्वीर भेजने की कोशिश करें तो बहुत मुमकिन है कि यह अगले यूज़र तक पहुंचे ही नहीं या अगर आप उसका इंतज़ार कर रहे हैं तो यह डाउनलोड ही ना हो.
पाकिस्तान की टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी इस बारे में चुप्पी साधे है और अब तक इस बारे में कोई साफ़ जवाब नहीं मिल पा रहा है.
ध्यान रहे कि इंटरनेट फ़ायरवॉल बुनियादी तौर पर किसी भी देश के केंद्रीय इंटरनेट गेटवे पर लगाई जाती है जहां से इंटरनेट अप और डाउन लिंक होता है. इस व्यवस्था को लगाने का मक़सद इंटरनेट की ट्रैफ़िक की फ़िल्ट्रेशन और निगरानी होता है.
इस व्यवस्था की मदद से वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर मौजूद सामग्री को कंट्रोल या ब्लॉक किया जा सकता है.
यही नहीं बल्कि फ़ायरवॉल सिस्टम की मदद से ऐसी सामग्री के स्रोत या उसकी शुरुआती जगह के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है.
इन समस्याओं के बारे में राष्ट्रीय असेंबली की इनफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्थायी समिति ने पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) के अध्यक्ष मेजर जनरल (रिटायर्ड) हफ़ीज़ुर्रहमान को 21 अगस्त को कमेटी के सामने स्पष्टीकरण देने को कहा है. इसमें देशभर में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में आ रही परेशानी के बारे में भी जानकारी मांगी गई है.
पाकिस्तान में इंटरनेट पर पाबंदी का मामला नया नहीं है और कई मौक़ों पर इसे बंद किया जा चुका है. ऐसा अक्सर सुरक्षा कारणों से किया जाता रहा है जैसे नवीं और दसवीं मुहर्रम को ऐसा किया जाता है.
लेकिन पिछले साल 9 मई के दौरान जब इमरान ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था तो उसके बाद होने वाले हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी इंटरनेट पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में बंद रहा था.
पिछले एक साल के दौरान फ़रवरी के आम चुनाव से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की वर्चुअल सभाओं के दौरान यह पाबंदी देखने को मिलती थी. फिर चुनाव के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देश में पाबंदी लगा दी गई थी.
लेकिन इस बार इंटरनेट की डिग्रेडेशन और व्हॉट्सऐप के इस्तेमाल में गंभीर समस्याओं ने विदेशी कंपनियों के साथ पाकिस्तान में बैठकर काम करने वालों और व्यक्तिगत क्लाइंट्स के साथ फ़्रीलांसिंग करने वालों की मुश्किलों में इज़ाफ़ा कर दिया है.