नवरात्रि का सातवां दिन : माँ कालरात्रि का पूजन
सप्तमी को माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा की जाती है । उन्हें काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, चंडी आदि नामों से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इनकी पूजा अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। माँ के इस रूप की आराधना करने से ब्रम्हांड की सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
माँ को गुड़हल(जासौन) का फूल प्रिय है।
गुड़ या गुड़ केसे बने व्यंजन,मालपुआ का भोग लगाना चाहिए।
बीज मंत्र – ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः
प्रार्थना – या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
प्रस्तुति :- नीरजा वाजपेयी