भारतीय नौसेना सिर्फ भारतीयों के लिए ही फरिश्ता बनकर उन्हें कहीं से भी बचाने का काम नहीं करते बल्कि उनकी नजरों में जिसे भी मदद की जरूरत हो भारतीय नौसेना वहां मौजूद होती है। कुछ ऐसा ही नजारा पिछले कई महीनों से देखने को मिल रहा है। जहां अरब सागर में कई समुद्री लुटेरों से लोगों को भारतीय नौसेना ने बचाया है। पिछले शनिवार भी एक बार अरब सागर में डाकुओं ने एक बार फिर आतंक मचाया तो भारतीय नौसेना लोगों के लिए दूत बनकर पहुंची।
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना का शौर्य एक बार फिर दिखा। भारतीय तट से लगभग 2,600 किमी दूर करीब 40 घंटे तक चलाए गए आपरेशन के दौरान उसने न केवल पूर्व माल्टीज ध्वज वाले अपहृत व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित रिहा कराया बल्कि 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को भी पकड़ लिया। इस ऑपरेशन में बचाए गए 17 सदस्यों में से कुछ बुल्गारिया के भी लोग थे जिसको भारत ने बचाया। इसके बाद बुल्गारिया ने भारत का धन्यवाद किया है जिसपर विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे दोस्ती का फर्ज बताया है।
वहीं, भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा कि यह कार्रवाई हिंद महासागर में शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल करने के उसके संकल्प को दर्शाती है।विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले लगभग सात वर्षों में सोमाली समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को पहली बार इस तरह का आपेरशन चलाकर जब्त किया गया है। आपरेशन के दौरान नौसेना ने अपने स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आइएनएस कोलकाता, गश्ती जहाज आइएनएस सुभद्रा, लंबे समय तक चलने वाले सी गार्डियन ड्रोन का इस्तेमाल किया।