कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से ये दोहराया है कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी के एक हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया है, “मोदी जी जन्म से नहीं बल्कि ‘कागज़ी ओबीसी’ हैं. वह अपने जन्म के पांच दशक बाद तक ओबीसी नहीं थे. मेरे इस सच पर मुहर लगाने के लिए भाजपा सरकार का धन्यवाद.”
इससे पहले ओडिशा में एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा था कि “पीएम मोदी को ओबीसी गुजरात की भाजपा सरकार ने बनाया है.”
हालांकि बीजेपी ने राहुल गांधी के दावे को ‘कोरा झूठ’ करार देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की अधिसूचना 27 अक्टूबर, 1999 को जारी की गई थी और ये उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के पूरे दो साल पहले हुआ था.
दरअसल, राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाते हुए ओडिशा में कहा था, “सच सुनो! नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं, उन्हें ओबीसी गुजरात की भाजपा सरकार ने बनाया है. वह कभी पिछड़ों के हक़ और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते. नरेंद्र मोदी जातिगत गिनती नहीं करने वाले. जातिगत गिनती कांग्रेस ही कर के दिखाएगी.”
बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी के दावे को ‘कोरा झूठ’ बताते हुए भारत सरकार के उस गज़ट नोटिफिकेशन का स्क्रीनशॉट जारी किया है जिसमें पीएम मोदी की जाति ‘मोढ़ घांची’ को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की अधिसूचना प्रकाशित की गई थी.
इस दस्तावेज़ के मुताबिक़ ‘मोढ़ घांची’ समुदाय 27 अक्टूबर, 1999 को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था.
इसी तारीख़ को ‘मोढ़ घांची’ के अलावा ‘घांची (मुस्लिम)’, ‘तेली’ और ‘माली’ समुदाय को भी अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था.
इस फ़ैसले के समय गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और उसके मुख्यमंत्री थे केशुभाई पटेल जबकि नरेंद्र मोदी ने गुजरात सरकार की बागडोर सात अक्टूबर, 2001 को संभाली थी.
अमित मालवीय ने कांग्रेस पर ये भी आरोप लगाया है कि राहुल गांधी से जवाहरलाल नेहरू तक पूरा नेहरू गांधी परिवार ओबीसी के ख़िलाफ़ रहा है.