अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर मुख्य पूजा शुरू की.
पूजा के दौरान गर्भगृह में पीएम मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और संघ प्रमुख मोहन भागवत दिखाई दिए.
देश के बड़े उद्योगपतियों और सिनेमा के बड़े सितारों के अलावा विपक्षी पार्टियों के नेता समारोह में दिखाई नहीं दिए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस वक्त ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा के दिन वे असम में हैं. उनके साथ इस यात्रा में कांग्रेस के कई बड़े नेता भी हैं.
सोमवार, सुबह राहुल गांधी वैष्णव संत श्रीमंत देव की स्थली बटाद्रवा थान मंदिर जाना चाह रहे थे लेकिन रास्ते में ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन आम आदमी पार्टी दिल्ली में शोभायात्रा निकाल रही है. इसके साथ ही विधानसभाओं में भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है.
इस मौके पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने राम पूजन और हवन किया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही हैं.
हालांकि प्राण प्रतिष्ठा के दिन सीएम बनर्जी ‘संप्रति रैली’ निकाल रही हैं.
टीएमसी बीजेपी पर आरोप लगाती रही है कि वो एक धार्मिक आयोजन को राजनीतिक आंदोलन में बदल रही है. इसी के जवाब में ममता बनर्जी ने सभी धर्मों के साथ सद्भावना रैली निकाल रही हैं.
तमिलनाडु में इस वक्त द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की सरकार है. पार्टी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे हैं.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नासिक पहुंचे हैं.
शाम छह बजे उद्धव ठाकरे कालाराम मंदिर में पूजा और शाम सात बजे गोदावरी नदी के तट पर महाआरती करेंगे.
इसके अलावा नासिक पहुंचकर उन्होंने ‘रामजन्मभूमि में शिवसेना के शेर’ प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया.
अयोध्या में राम मंदिर के लिए चले आंदोलनों में शिवसैनिकों की बड़ी भूमिका रही है.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ट्रस्ट की तरफ से भेजा गया था.
उन्होंने समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है. हालांकि उन्होंने एक पत्र लिखकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को आभार जताया था.
सोमवार को वे अयोध्या से करीब 150 किलोमीटर दूर लखनऊ में मौजूद थे.