भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 4 से 5 जनवरी तक नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर थे.
इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए.
भारतीय रॉकेट से नेपाली सैटेलाइट मुनाल को लॉन्च करना, क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइनें और भूकंप के बाद राहत आपूर्ति के लिए एक हज़ार करोड़ रुपये देने की बात कही गई.
लेकिन इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान हुए एक समझौते की चर्चा सबसे ज़्यादा है. इसके तहत भारत अगले दस साल के अंदर नेपाल से 10 हज़ार मेगावाट बिजली का आयात करेगा और नेपाल के अंदर जलविद्युत यानी हाइड्रो पॉवर इलेक्ट्रिसिटी के क्षेत्र में बड़ा निवेश करेगा.
इसकी सफलता के लिए दोनों देशों को मिलकर बिजली को ट्रांसमिट करने के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना होगा.