संदीप पांडेय ने 21 साल बाद मैग्सेसे अवॉर्ड लौटाने का लिया फ़ैसला

संदीप पांडेय ने 21 साल बाद मैग्सेसे अवॉर्ड लौटाने का लिया फ़ैसला
संदीप पांडेय ने 21 साल बाद मैग्सेसे अवॉर्ड लौटाने का लिया फ़ैसला

लेखक-चिंतक एवं सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव संदीप पांडेय ने 30 दिसंबर की रात को वर्ष 2002 में मिले प्रतिष्ठित पुरस्कार रेमन मैग्सेसे को वापस करने की घोषणा की है.

साथ ही उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालयों से हासिल की गई डिग्रियां भी लौटाने की घोषणा की है. उन्होंने यह क़दम इसराइल-फ़लस्तीन संघर्ष में अमेरिका की भूमिका के चलते उठाया है.

लेकिन संदीप पांडेय की घोषणा को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं कि उन्होंने रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड वापस करने के लिए यही वक्त क्यों चुना?

क्या जब उन्हें यह अवॉर्ड दिया जा रहा था तब उन्हें नहीं पता था कि इस अवॉर्ड को अमेरिकी संस्था के सहयोग से दिया जाता है, उस वक़्त उन्होंने इस अवॉर्ड को क्यों नहीं वापस किया?

उन्होंने इन सवालों के जवाब में कहा, “इस अवॉर्ड को वापस करने का मन तो कुछ समय पहले बना चुका था लेकिन मैं ये ज़रूर कहूंगा कि इस ठोस निर्णय को लेने में मुझे महिला पहलवानों से प्रेरणा मिली. उनके सामने एक बहुत शक्तिशाली आदमी है जो सत्ता पक्ष से जुड़ा है. इसके बावजूद जब विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने उसके ख़िलाफ़ निर्णय लिया और फुटपाथ पर जाकर अपने मेडल रख दिए तो मुझे उनकी बहादुरी ने प्रेरित किया.”