घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना का सर्च आपरेशन आज भी जारी
श्रीनगर, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर में अखनूर के खौर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर भारतीय सेना ने आतंकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। इस दौरान एक आतंकी मारा गया। भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कॉर्पस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। सेना ने बताया कि शुक्रवार (22 दिसंबर) की रात में निगरानी कैमरे में चार आतंकियों को देखा गया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने फायरिंग की। कैमरे में तीन आतंकी एक शव को इंटरनेशनल बॉर्डर के पार ले जाते दिखे। सेना ने इसका फुटेज भी जारी किया है। घटना को लेकर अभी और जानकारी आना बाकी है। अखनूर राजौरी से करीब 66 किमी दूर है, जहां गुरुवार ( (21 दिसंबर) को आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था। राजौरी और पुंछ में आतंकवादियों की तलाश में सेना और पुलिस का सर्च ऑपरेशन तीसरे दिन आज (23 दिसंबर) भी जारी है। राजौरी हमले में 5 जवान शहीद, 4 आतंकियों ने हमला किया था: पुंछ और राजौरी के बीच डेरा की गली में 21 दिसंबर को सेना के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें पांच जवान शहीद हो गए। दो जवानों की हालत गंभीर है। टेरर ग्रुप पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकियों ने अमेरिकी रू-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से सेना पर किया था। । हमले के दिन थानामंडी सुरनकोट रोड पर डेरा की गली इलाके में आतंकी घात लगाकर बैठे थे। दोपहर करीब तीन बजे सेना की एक मारुति जिप्सी और रही थी, एक ट्रक जैसे की वहां से गुजर र आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। शहीद सैनिकों की पहचान नायक बीरेंद्र सिंह, नायक करण कुमार, राइफलमैन चंदन कुमार, राइफलमैन गौतम कुमार के रूप में हुई है। सेना ने पांचवें शहीद के नाम का खुलासा नहीं किया है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है। सेना का सर्च ऑपरेशन तीसरे दिन हमला भी जारी: जम्मू कश्मीर के राजौरी और पुंछ में आतंकवादियों की तलाश में सेना और पुलिस का सर्च ऑपरेशन तीसरे दिन आज (23 दिसंबर) भी जारी है। 21 दिसंबर को पुंछ में एक टारगेट हमले में भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए हैं और तीन अन्य घायल हैं। उसी दिन से आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षा बलों ने अपना व्यापक अभियान जारी रखा है। फिलहाल आतंकवादियों से कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। सेना का कहना है कि आतंकी यहां से भाग नहीं पाए हैं, ये आतंकी राजौरी पुंछ के जंगलों में ही छिपे हैं। राजौरी और पुंछ जिलों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इलाके में ड्रॉन और अन्य साधनों के जरिए आसमान ने निगरानी रखी जा रही है। सेना ने जमीनी तलाशी अभियान भी तेज कर दी है। खासकर पुंछ जिले के राजौरी सेक्टर में डेरा की गली के वन क्षेत्र में सेना का गश्त लगातार जारी है। एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है। गौरतलब हो कि आतंकवादियों ने गुरुवार 21 दिसंबर को दोपहर 345 बजे धत्यार मोड़ के पास एक मोड़ पर घेराबंदी और तलाशी अभियान में मदद के लिए जा रहे सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था। जिसमें चार जवान शहीद हो गए और तीन अन्य घायल हैं। दो आतंकियों ने सेना के वाहनों पर विस्फोटक फेंका था। पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने पुंछ आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादियों ने सोशल मीडिया पर हमले वाली जगह की तस्वीरें शेयर की थी, जिसमें अत्याधुनिक अमेरिका निर्मित एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों के इस्तेमाल दिखाया गया है। एम 4 कार्बाइन राइफलों को अमेरिका में 1980 के दशक में बनाया गया था। ये एक लाइट वेट गन है। यह अमेरिकी सेना का हथियार है और इसे 80 से अधिक अन्य अपने यहां भी इस्तेमाल करते हैं।