Breaking
Sat. May 4th, 2024

शेयर बाजार की अंतरिम बजट पर रहेगी नजर

By MPHE Dec 24, 2023
शेयर बाजार की अंतरिम बजट पर रहेगी नजर
शेयर बाजार की अंतरिम बजट पर रहेगी नजर

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति की समीक्षा कर चुकी है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति अब सामने आ चुकी है, ऐसे में वित्तीय वर्ष 2023 के प्रमुख आर्थिक घटनाक्रम मोटे तौर पर पूरा होने के करीब हैं। विश्लेषकों ने कहा कि जहां तक देसी घटनाक्रम का सवाल है, अब नजरें अंतरिम बजट या अनुदान मांग और 2024 में होने वाले आम चुनाव पर टिकी हुई हैं, जो भारतीय बाजारों को दिशा देगा। इन दोनों घटनाक्रमों के साथ वैश्विक स्तर पर भूराजनीतिक प्रगति, ब्याज दर की चाल, तेल की कीमतें और बांड प्रतिफल के अलावा इस पूष्ठभूमि में विदेशी संस्थागत निवेशकों व देसी संस्थागत निवेशकों का निवेश अगले वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में बाजारों को आकार देगा। बाजार के जानकारों का कहना है कि वैश्विक इक्विटी बाजार अब दरों का चक्र पूरा होने को लेकर आशावादी है। उनका कहना है कि बाजारों के लिए एकमात्र चिंता यह है कि क्या दुनिया भर में संचयी तौर पर हुई ब्याज बढ़ोतरी वृद्धि को धीमा कर देगी या फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था में खासा सुधार होगा। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में आई हालिया गिरावट, राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे और इस वजह से राजनीतिक स्थिरता के अनुमान और आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य के कारण बाजारों पर हमारा नजरिया अल्पावधि के लिहाज से तेजी का है। एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स साल 2024 में आम चुनाव से पहले 73,000 की ऊंचाई पर पहुंच सकता है, लेकिन अकेले तेल में संभावित तेजी ही देसी बाजारों के परिदृश्य को पटरी से उतार सकती है। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों के सेंटिमेंट में इस तरह की मजबूती देसी साइक्लिकल सेक्टर मसलन बैंक, इंडस्ट्रियल, बिजली, प्रॉपर्टी और मिडकैप के लिए बेहतर होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि मजबूत बहुमत के साथ भाजपा की वापसी से मध्यम अवधि में नीतिगत निरंतरता और राजकोषीय एकीकरण का संकेत मिलेगा।

By MPHE

Senior Editor

Related Post