57 प्रोजेक्ट पर चल रहा है निर्माण कार्य, 557 करोड़ के कार्य पूरे
जबलपुर, का.सं.। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को आठ वर्ष हो गए हैं, इसके बाद भी शहर स्मार्ट नहीं हो सका। प्रोजेक्ट पूरा करने की रफ्तार स्मार्ट नहीं है, जिससे करीब 400 करोड़ के कार्य घिसट रहे हैं। सात वर्षों में 33 कार्य ही पूर्ण हो सके। 57 कार्य अधूरे हैं।
जानकारों का कहना है कि अन्य शहरों की अपेक्षा शहर विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है, विकास कार्यों की वजह से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जरिएकरीब 33 कार्य लंबित हैं। इन कार्यों की लागत 556.21 करोड़ है। विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। इन कार्यों में गांधी लायब्रेरी का डिजिटलाइजेशन घंटाघर जीर्णोद्वार, एमआर-4 से दमोहनाका स्मार्ट सडक, घमापुर- चुंगी चौकी स्मार्ट सडक, नर्मदा दर्शन पथ, पुराने बस स्टैंड से घंटाघर तक नॉन मोटराइज्ड ट्रैक संग्राम सागर की बारादरी का विकास आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। 8 वर्ष हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं किए गए हैं, जिससे जगह-जगह काम किए जा रहे हैं, जो जनमानस के लिए मुसीबत बन गए हैं। प्रोजेक्ट में घरों की मूलभूत सुविधाओं से लेकर सडक-चौराहों को विकसित किया गया। वाइफाई जोन और कचरा विनिष्टीकरण जैसे अतिआवश्यक कार्य भी शामिल किए गए हैं। विकास कार्यों में सडक, फुटपाथ, लेफ्ट टर्न, एनएमटी आदि जैसे कार्य जगह जगह चल रहे हैं। इन कार्यों की वजह से क्षेत्र में लोगों का चैन छिन गया है।