चुनाव में धन-बल नहीं वोट से होती है जीतः प्रहलाद

चुनाव में धन-बल नहीं वोट से होती है जीतः प्रहलाद
चुनाव में धन-बल नहीं वोट से होती है जीतः प्रहलाद

छिंदवाड़ा की जनसभा में केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर किए तीखे प्रहार, बोले, जो आरोप लगाए हैं, वे सब तथ्यपरक, वोट की ताकत को पहचान कर विकास को चुनिए

छिंदवाड़ा। भाजपा के दिग्गज नेता और केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटैल ने आज कमलनाथ पर हमला बोलते हुये कहा कि कमलनाथ चाहते हैं कि धन और बल से चुनाव जीते जाते थे तो वे भ्रम में हैं। चुनाव केवल जनता के वोट और विश्वास से जीता जाता था। कांग्रेस के पास तीन सबसे प्रमुख अवगुण हैं, भय, भ्रम और लालच । इसके अलावा कांग्रेस में और कुछ भी नहीं है। श्री पटेल आज छिंदवाड़ा जिले की चौरई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी लखन वर्मा के समर्थन में ग्राम खमारपानी में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 42 साल से कमलनाथ बिना कुछ किए हुये जनता की छाती पर सवार हैं और अब चाहते हैं कि उनका बेटा भी राजनीति में स्थापित हो जाए। सोचने वाली बात है कि क्या छिंदवाड़ा में कमलनाथ के अलावा कोई और नेता नहीं है, जो जनता का प्रतिनिधित्व कर सके। हमें अपने अभिमान और स्वाभिमान को जगाना होगा, ये सही समय है। भाजपा और कमल, ये दोनों ही भारत के भविष्य के निर्माता हैं।
भाजपा की पहचान जनहित– उन्होंने कहा कि यहां से भी मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा है। यहां पैसे और शराब की राजनीति होती है। बालाघाट से भी चुनाव लड़ा है, वहां नक्सलवाद की चुनौती थी। मैंने देखा कि लोकतंत्र में जनता फैसला ही अंतिम सत्य होता है। हारने के बाद भी मैंने बालाघाट को नहीं छोड़ा । उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में तीन अवगुण हैं भय, भ्रम और लालच फैलाना और आपस में लड़ाना। कांग्रेस के पास और कुछ नहीं। अब बहुत अच्छा अवसर है, जब आप लालच को खत्म कर सकते हैं। भाजपा कभी कांग्रेस जैसी नहीं हो सकती। यहां पैसे का झगड़ा नहीं है, यहां वोट की ताकत दिखाई देनी चाहिए। भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता उम्मीदवार है। श्री पटैल ने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए लंबी फेहरिस्त है। भाजपा के तीन सूत्र, गरीब कल्याण, महिला स्वाभिमान । कल ही सिवनी में ऐतिहासिक दिन था। गरीब कल्याण अन्न योजना दिसंबर में तीन साल पूरे होने वाले हैं। पीएम ने ऐलान किया कि आने वाले पांच साल तक 80 करोड़ लोगों को मिलता रहेगा। गरीब कल्याण की बात करें तो आयुष्मान कार्ड एक बेहतर उदाहरण है। गरीब के लिए पांच लाख की सहायता कम नहीं होती, इसका लाभ ये होता है कि गरीब आदमी और उसका परिवार कभी कर्जदार नहीं होगा। आयुष्मान कार्ड वोट का लालच या वास्तव में जनकल्याण है, ये आपको तय करना है। मुफ्त अनाज भीख नहीं है। ये गारंटी है कि परिस्थितियां कुछ भी हों, आपका चूल्हा नहीं बुझेगा। 2014 के बाद भाजपा ने गांव-गांव शौचालय निर्माण कराए। देश की आजादी के बाद किसी ने इसकी फिक्र नहीं की। उन्होंने कहा कि उज्वला गैस कनेक्शन देकर भाजपा ने मातृशक्ति के आंसू पोंछने का काम किया। हर परिवार को पीने का पानी पाइप लाइन से देने का संकल्प लिया। ये भी मातृशक्ति के लिए वरदान साबित हो रहा है। भाजपा की योजनाओं में जनहित सर्वोपरि है। नारी शक्ति वंदन बिल पास करके पीएम नरेंद्र मोदी ने महिला सम्मान के लिए मील का पत्थर स्थापित किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बेटियों के लिए इतना अहम काम किया है, जो सदियों तक याद रखा जाएगा। बेटियां अब अभिभावकों पर बोझ नहीं है। हम बेटों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन भाजपा बेटियों को आगे बढ़ाती है।

कमलनाथ दुर्भाग्य का नाम है– छिंदवाड़ा की सातों सीटों पर कमल खिलेगा। कांग्रेस लड़ाई में कहां हैं। 42 साल से कमलनाथ जनता की छाती पर बैठा है। अब जाते-जाते बेटे को स्थापित करना चाहता है क्या और कोई नहीं है, ये हमारे आपके स्वाभिमान पर चोट है। हम मेहनत से कमाने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि जिस आदमी से चलते नहीं बनता, वो तुम्हारा सांसद है, दुर्भाग्य है । थका हुआ नेतृत्व है कमलनाथ का। 2003 में दिग्विजय सिंह को जनता खारिज कर चुकी है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष रहते हुये घर से नहीं निकले। सीएम रहते हुये वल्लभ भवन से नहीं निकले। पांच साल से सांसद हैं लेकिन छिंदवाड़ा के किसी वार्ड में नहीं गए। कमलनाथ चल नहीं सकते तो अपनी औलाद को पैदल चलना सिखा दें। उन्होंने कहा कि हम प्रेम का खेल खेलते हैं, पैसों का नहीं। मैं यहां अभिमान और स्वाभिमान को जगाने आया हूं। एक बार प्रयोग करके देखना चाहिए। कार्यकर्ता को समझना चाहिए। भाजपा केवल पांच साल की राजनीति नहीं करती। हम विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चलने वाले हैं। लोकतंत्र की यही ताकत है कि करोड़पति का भी एक वोट है और मजदूर का भी हम बिकने को तैयार न हों तो हमें कोई खरीद नहीं सकता। जो चुनाव धन से लड़ते हैं, वे जीतने के बाद कमाते हैं और वो कमाई जनता के हिस्से के धन से ही होती है। मूल्यों के साथ जीना और मूल्यों के साथ मरना ही इतिहास में याद रखा जाता है। आने वाले 20 साल बाद इस क्षेत्र की हालत क्या होगी, इस पर विचार करना होगा। पहले हालत क्या थी, और अब हालत क्या हैं, ये सोचना एक-एक व्यक्ति का काम है। स्कूल पढ़ने बच्चे कितने दूर जाते थे, अब कहां जाते हैं। बिजली, पानी और सड़क की दशा क्या थी। श्री पटैल ने कहा कि आज संकल्प लेकर जाइये कि जब हम सब कुछ अगली पीढ़ी के लिए कर रहे हैं तो भाजपा को वोट देने का काम अत्यंत आवश्यक है।