राम मंदिर का न्योता स्वीकार कर प्रधानमंत्री मोदी ने खेल पलट दिया

विधानसभा चुनाव में क्या होगा असर?

भोपाल एजेंसी । पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। हाल में हुए सर्वे बताते हैं कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में मुकाबला कड़ा है। इन दोनों राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। चुनावी मौसम में राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने की डेट भी आ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता स्वीकार कर लिया है। जनता के बीच भी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा शुरू हो गई है। इन पांच राज्यों में नवंबर में वोटिंग होगी और उस समय राम मंदिर में होने वाले समारोह की सरगर्मी भी अपने चरम पर होगी। चुनाव में भगवान राम की एंट्री कांटे की टक्कर में पलड़ा बीजेपी की तरफ झुका सकता है।

राम मंदिर आंदोलन से बीजेपी मध्यप्रदेश में मजबूत हुई : राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत भले ही उत्तरप्रदेश के अयोध्या में शुरू हुई, मगर बीजेपी को इसका पहला चुनावी लाभ मध्यप्रदेश और राजस्थान में मिला था। 1990 में मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 220 सीटें जीतकर सरकार बनाई। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से ज्यादा 39.14 प्रतिशत वोट भी हासिल किए थे। राम लहर के कारण ही कांग्रेस 250 सीटों से 56 पर सिमट गई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 162 सीटों का फायदा हुआ था और सुंदरलाल पटवा दूसरी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने । हालांकि बाबरी विध्वंस के बाद 1992 में केंद्र की नरसिंह राव ने मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद दो चुनावों में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सत्ता हासिल की, मगर बीजेपी भी तीन अंकों में यानी 100 से ज्यादा सीटें हासिल कर मजबूत बनी रही ।