नई दिल्ली (एजेंसी)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा 230 सीटों वाले सदन में 115 सीटों के साथ बिल्कुल बीच के आंकड़े को छूएगी। इंडिया टीवी- सीएनएक्स ओपिनियन पोल के सर्वे में ये अनुमान लगाया गया है। ओपीनियन पोल के नतीजे न्यूज चैनल पर प्रसारित किये गये। ओपिनियन पोल के मुताबिक, प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस 110 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। पांच साल पहले कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी, जबकि भाजपा को 109 थी। इस बार सत्ता की कुंजी निर्दलीयों और छोटी पार्टियों के साथ रह सकती है, इन्हें 5 सीट मिल सकती है, जबकि पिछली बार 7 सीटें मिली थी। ओपिनियन पोल में वोट शेयर के अनुमान के मुताबिक, भाजपा को 44.38 प्रतिशत, कांग्रेस को 42.51 प्रतिशत और अन्य को 13.11 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं 2018 के चुनाव में भाजपा को 41.02 प्रतिशत, कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत और अन्य को 18.09 प्रतिशत वोट मिले थे।
क्षेत्रवार सीटों का अनुमान इस प्रकार है-वलखंड को 51 सीटों में से भाजपा को 31 सीटें मिल सकता है, जबकि कांग्रेस को 19 और अन्य को एक सीट मिल सकती है।भोपाल की 24 सीटों में से, भाजपा को 16 सीटें और कांग्रेस को बाकी 8 सीटें मिल सकती है चम्बल की 34 सीटों में से, कांग्रेस को 22 सीटें मिल सकती है, जबकि भाजपा को बाकी 12 सीटें मिल सकती है महाकौशल की 47 सीटों में से कांग्रेस को 26 सीटें मिल सकती है, जबकि भाजपा को 39 सीट और अन्य को 2 सीटें मिल सकती मालवा की 46 सीटों में से, भाजपा को 25 सीटें मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 20 सीटें और बची एक सीट अन्य को मिल सकती है निमाड़ की 28 सीटों में से कांग्रेस को 15 सीटें, भाजपा को 12 सीटें और बची एक सीट अन्य को मिल सकती है।
मुख्यमंत्री की रेस में कौन हैं आगे-ओपिनियन पोल में सीएम पद के लिए 44.32 प्रतिशत वोटरों ने शिवराज सिंह चौहान को, और 38.58 प्रतिशत ने कमल नाथ को पसंद किया। सिर्फ 9 प्रतिशत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1.52 प्रतिशत ने दिग्विजय सिंह को, और बाकी 6.58 प्रतिशत ने अन्य नेताओं को पसंद किया।
ओपनियन पोल के कुछ खास नतीजे– 65.32 प्रतिशत वोटरों ने कहा कि प्रदेश में जातिवार जनगणना सर्वे होना चाहिए, लेकिन 20.63 प्रतिशत लोग इसके पक्ष में नहीं थे। 14 प्रतिशत लोगों ने कहा हमें नहीं पता चुनाव के मुख्य मुद्दों के बारे | में पूछे जाने पर 27.4 प्रतिशत ने बेरोजगारी को मुख्य मुझे बताया, जबकि 21.05 प्रतिशत ने विकास को मुद्दा बताया। 19.11 प्रतिशत ने महंगाई को मुख्य मुद्द बताया तो 14.42 प्रतिशत ने हिन्दुत्व को मुख्य मुद्दा बताया 7.23 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बताया 46.83 प्रतिशत वोटरों ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार के काम को1 से 10 के स्कूल में 8-10 अंक दिया, 40.67 प्रतिशत ने 0-4 अंक दिया, 12.5 प्रतिशत ने 5-7 का अंक दिया 37 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने स्थानीय विधायक के काम से खुश हैं, लेकिन 32.12 प्रतिशत ने कहा, वे अपने विधायक के काम से नाखुश हैं। पूछे जाने कि किस पार्टी को सरकार ने प्रदेश में बेहतर काम किया, 42.43 प्रतिशत ने कहा भाजपा सरकार और 37.02 प्रतिशत ने कहा- कांग्रेस सरकार।
महिलाओं से पूछा गया कि क्या शिवराज सिंह को लाड़ली माना योजना से चुनाव पर असर पड़ेगा, 47.3 प्रतिशत ने कहा- हां, लेकिन 36.5 प्रतिशत ने कहा- नहीं।
इस सवाल पर कि किस पार्टी को गाय (कल्याण योजनाएं) बेहतर हैं, 43.62 प्रतिशत ने कहा- भाजपा, और 42. 15 प्रतिशत ने कहा- कांग्रेस
44.75 प्रतिशत वोटरों ने कहा कि वे कोविड महामारी के दौरान सरकार के काम से असन्तुष्ट हैं, जबकि 35.61 प्रतिशत ने कहा कि ये संतुष्ट हैं।
53.25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भाजपा ने केंद्रीय माँत्रयों और सांसदों को चुनाव में उम्मीदवार बनाने का जो फैसला किया उससे पार्टी को फायदा होगा, लेकिन 37.18 प्रतिशत ने कहा- नहीं।
इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल सर्वे में विधानसभा को कुल 230 सीटों में से 115 विधानसभा क्षेत्रों 11,500 लोगों से सवाल पूछे गये। इनमें 5,758 पुरुष और 5,742 महिलाएं थीं। सर्वे में समाज के सभी वर्गों और जातियों के 18 से 60 साल उम्र के वोटरों की राय ली गई।