दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से छूटने के दो दिन बाद आम आदमी पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बड़ा एलान किया है.
उन्होंने घोषणा की है कि वो दो दिन के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे.
उन्होंने आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में कहा, “मैं सीएम की कुर्सी से इस्तीफ़ा देने जा रहा हूं और मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फ़ैसला न सुना दे.”
केजरीवाल ने कहा, “मैं जनता के बीच में जाऊंगा, गली गली में जाऊंगा, घर घर में जाऊंगा और जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है तब तक मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.”
दिल्ली के सीएम ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “मैं उन लाखों-2 लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं कि जिन्होंने हमारे जेल में रहते हुए दुआएं कीं. जेल में मुझे पढ़ने का काफ़ी वक़्त मिला इस दौरान मैंने रामायण, महाभारत और गीता को पढ़ा. मैंने भगत सिंह की जेल डायरी को भी पढ़ा.”
उन्होंने उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा, “मैंने एलजी को चिट्ठी लिखी कि मैं जेल में हूं मेरी जगह आतिशी जी को झंडा फरहाने दिया जाए. मुझे बदले में धमकी मिली कि अगर आपने दोबारा चिट्ठी लिखी तो आपको परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा.”
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जेल भेजने के पीछे मकसद था कि आम आदमी पार्टी को तोड़ दिया जाए और अरविंद केजरीवाल को डरा दिया जाए. लेकिन जेल के दिनों ने मेरे हौंसले को बढ़ा दिया.
उन्होंने कहा, “मैंने जेल से इस्तीफ़ा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं देश के लोकतंत्र को मज़बूत बनाना चाहता था. मैंने साबित कर दिया कि जेल से भी सरकार चलाई जा सकती है.”