दो मार्च को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी पहली सूची में 195 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
इस सूची में जहाँ हिंदी पट्टी के दो अहम राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ज़्यादातर सांसदों को टिकट दिए गए हैं, वहीं पार्टी ने दिल्ली और छत्तीसगढ़ में कई सांसदों को टिकट नहीं दिया है.
दिल्ली की बात की जाए, तो साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी.
दिल्ली में सात लोकसभा सीटें हैं- चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली.
लेकिन इस बार दिल्ली की लोकसभा सीटों से बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों में बड़े बदलाव किए हैं.
बीजेपी ने दो मार्च को दिल्ली की पाँच सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से एक मनोज तिवारी को छोड़कर सभी मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं.
पार्टी ने इस बार दिल्ली में जिन नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं, उनमें प्रमुख हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज.
बांसुरी को मीनाक्षी लेखी की जगह नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मीनाक्षी लेखी के अलावा परवेश वर्मा, डॉक्टर हर्षवर्धन और रमेश बिधूड़ी को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.
वहीं अपनी उम्मीदवारी पर बांसुरी स्वराज ने बीजेपी नेताओं का शुक्रिया अदा किया और कहा कि दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार से त्रस्त है और अगर भारत और दिल्ली की जनता उन्हें चुनकर लाती है, तो वे पुरज़ोर तरीके से इस मुद्दे को संसद में उठाएँगी.
उनका कहना था, ”आप की सरकार एंटी करप्शन के मुद्दे पर आई थी लेकिन आज वो सिर से लेकर पाँव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है चाहे वो शराब घोटाला हो, क्लास रूम घोटाला, नकली दवाओं का वितरण, चाहे जल बोर्ड का स्कैम हो या फिर मुख्यमंत्री के आलीशान बंगले का मामला हो. ये बीजेपी या जनता नहीं कह रही लेकिन कोर्ट कह रहे हैं कि शराब घोटाले में शुरुआती सबूत उनके नेताओं के ख़िलाफ़ सामने आ रहे हैं.”
बांसुरी स्वराज ने अपनी माँ को अपनी प्रेरणा बताया और उन्हीं के संस्कारों को ख़ुद का अंश बताया.
- बांसुरी स्वराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की बेटी हैं.
- वे सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और उन्हें वकालत में 15 साल का अनुभव है.
- वे अंग्रेज़ी साहित्य में स्नात्क हैं और लंदन से उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है.
- उन्हें 2023 में दिल्ली बीजेपी के लीगल सेल का सह-संयोजक बनाया गया था.
सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थी और उनका जन्म हरियाणा में हुआ था.
वे भी वकील थीं और आपातकाल के बाद जनता पार्टी में शामिल हुई थी.
1977 में पहली बार हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीता और 80 के दशक में बीजेपी में शामिल हो गई.
वे केंद्रीय सूचना प्रसारण और विदेश मंत्री भी रहीं. वे एक अच्छी वक्ता मानी जाती थी.