मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना कितनी सही, दोनों में कितना अंतर

मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना कितनी सही, दोनों में कितना अंतर
मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना कितनी सही, दोनों में कितना अंतर

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सामने आने के बाद शुरू हुई बहस अब मालदीव तक पहुँच गई है.

 

पीएम मोदी और भारत पर विवादित टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को मालदीव सरकार ने निलंबित कर दिया है.

 

इन टिप्पणियों पर भारत समेत मालदीव के नेताओं की ओर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं.

 

कहा ये भी जा रहा है कि मालदीव के नेताओं की ओर से जैसी टिप्पणी की गई, उससे वहाँ के पर्यटन उद्योग को घाटा होगा.

मालदीव वीज़ा फ्री है.

 

भारत से अच्छी ख़ासी संख्या में मालदीव जाने के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध हैं. वहीं अगर आप लक्षद्वीप फ्लाइट्स से जाना चाहते हैं तो फ्लाइट्स की संख्या कम है.

मालदीव 1200 द्वीपों का एक समूह है. ज़्यादातर द्वीपों में कोई नहीं रहता है. मालदीव का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमीटर है. यानी आकार में दिल्ली से क़रीब पांच गुणा छोटा.

 

मालदीव की आबादी क़रीब चार लाख है.

 

मालदीव में धिवेही और इंग्लिश बोली जाती है.

 

मालदीव का कोई भी द्वीप समुद्र तल से छह फुट से अधिक ऊंचा नहीं है. जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के बढ़ते जल स्तर की नज़र से मालदीव पर ख़तरा बना रहता है.

 

इस देश की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है. यहां के द्वीपों की अर्थव्यवस्था भी पर्यटन पर निर्भर करती है. मालदीव की अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय आय का एक चौथाई से ज़्यादा हिस्सा पर्यटन से आता है.

 

2019 में हर साल मालदीव आने वाले पर्यटकों की संख्या क़रीब 20 लाख रही थी. हालांकि कोरोना के दौर में ये संख्या काफ़ी कम रही थी.

 

मालदीव जाने वालों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है. बीते साल भारत से मालदीव क़रीब दो लाख लोग गए थे. 2021 में क़रीब तीन लाख और 2022 में ये संख्या क़रीब ढाई लाख थी.

 

मालदीव के मीडिया संस्थान एवीएएस के मुताबिक़, मालदीव आने वाले सबसे ज़्यादा पर्यटक भारतीय हैं.

 

नीले समंदर से घिरे सफ़ेद रेत के किनारों वाले द्वीप पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर खींचते रहे हैं.