इंदौर, एजेंसी। इंदौर के भंवरकुआ इलाके में लॉजिस्टिक कंपनी के मालिक के यहां हुई चोरी की वारदात में पुलिस ने मुख्य सरगना को पकड़ लिया है। उसके तीन अन्य साथियों की तलाश जारी है। सरगना उज्जैन की ओर से इंदौर आया। यहां तीन पॉश कॉलोनी में घूमा और व्यापारी के घर को निशाना बनाकर बस से वापस राजस्थान चला गया। पुलिसकर्मियों ने शराब दुकान के फुटेज देखकर उसे पहचाना। इसके बाद उसके अजमेर स्थित ठिकाने पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया। पढ़िए कैसे हुई आरोपी की पहचान, कैसे आया पकड़ में… माल और उसे ठिकाने लगाने वाले सुनार की जानकारी है। ऐसे आया इंदौर: आरोपी उमराव अपने खास साथी हनुमान के साथ उज्जैन के रास्ते इंदौर आया। अरविंदो अस्पताल के यहां शराब दुकान से शराब खरीद कर पीने के बाद वारदात करने निकला। ई रिक्शा से भंवरकुआ इलाके में चोरी करने पहुंचा। चोरी के बाद फिर से उज्जैन और यहां से राजस्थान का रुख कर लिया। इस उमराव ने कई राज्यों की पुलिस की नाक में दम कर रखा है। आरोपी ने राजस्थान के कई शहरों के साथ ही मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में भी चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया है। खास बता यह कि उमराव सिर्फ बागरिया समाज के युवकों को साथ रखकर ही चोरी करता है। पुलिस अब उसके साथी हनुमान बागरिया की तलाश कर रही है। जिसके पास चोरी का एडिशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा की टीम ने अंतरराज्यीय चोर उमराव लोहार (52) निवासी विजय नगर, ब्यावर जिला अजमेर को पकड़ा है। बचपन से ही चोरी करने वाले मामले में फुटेज देखने के बाद पुलिस ई रिक्शा के ड्राइवर तक पहुंची। पूछताछ में ई-रिक्शा ड्राइवर ने आरोपियों को अरविंदो अस्पताल से लेकर निकलने की जानकारी दी। शराब दुकान से मिले फुटेज में आरोपी टोपी उतारता दिखा। जिससे वह पहचान में आ गया। दो करोड़ की चोरी में छूटा फिर इंदौर में वारदातः उमराव लोहार पर चोरी के 50 से अधिक अपराध दर्ज हैं। कुछ माह पहले राजस्थान के एक शहर में ही उसने करीब दो करोड़ की चोरी की वारदात को अंजाम दिया। जेल से छूटने के बाद अजमेर से बागरिया समाज के तीन लड़कों की गैंग बनाकर इंदौर की तरफ रुख कर लिया। यहां लॉजिस्टिक कंपनी के मालिक हेमंत के यहां चोरी कर फरार हो गया। उसने अपने साथियों में माल का बंटवारा कर दिया था। करीब 25 लाख से ज्यादा की चोरी में आरोपी के पास से 5 लाख का माल ही जब्त हुआ है। भंवरकुआ पुलिस ने पहले भी पकड़ा थाः उमराव लोहार कुछ कड़ा सालों पहले भी भंवरकुआ पुलिस के ही हत्थे चढ़ा था। इसके चलते भंवरकुआ के पुलिसकर्मी उसे पहचानते थे। फुटेज से पहचान होने के बाद उसकी पुराने अपराधों की फाईल खोली गई। जिसमें उमराव का पता मिला। इसके बाद टीम अजमेर के विजय नगर इलाके में पहुंची और रेकी कर उमराव को दबोच लिया। उमराव कुछ दिन बाद फिर से बड़ी वारदात करने की तैयारी में था। उमराव के बचे हुए साथियों की गिरफ्तारी का पुलिस अभी प्रयास कर रही है। उनके पास से 25 लाख की चोरी में और माल मिलने की उम्मीद है। उमराव से पूर्व में भी शहर में हुई चोरियों को लेकर पूछताछ की जा रही है।
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