Breaking
Mon. May 20th, 2024

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं शिवराज

By MPHE Dec 22, 2023
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं शिवराज
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं शिवराज

दक्षिण के एक राज्य की जिम्मेदारी, कैलाश की भूमिका भी होगी तय

भोपाल, एजेंसी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। उन्हें दक्षिण के किसी राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 19 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद शिवराज ने ये तो साफकर दिया था कि वे दक्षिण के राज्यों में जाएंगे, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया था कि उन्हें क्या जिम्मेदारी मिलने वाली है? भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक फेरबदल करने जा रही है। इसे लेकर दिल्ली में जल्द ही बैठक हो सकती है। इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका भी तय हो सकती है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में दिग्गज – नेताओं की भूमिका तय करने के बाद ही – मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा। – 23 दिसंबर को नए मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। शिवराज पहले भी रहे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 2018 में तीन राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव हारने के बाद भाजपा ने शिवराज, वसुंधरा और रमन सिंह तीनों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। उस समय शिवराज को सदस्यता अभियान समिति का संयोजक बनाया था। शिवराज • ज्यादा दिनों तक इस पद पर नहीं रहे, क्योंकि 2020 में वे एक – बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। अब शिवराज ■ को एक बार फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है, क्योंकि छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष बनने के बाद रमन सिंह इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं। विजयवर्गीय की भूमिका भी होगी तय: बीजेपी कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका भी तय कर सकती है। उनके मध्यप्रदेश में मंत्री बनने की संभावना है, यदि ऐसा होता है तो वे राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ सकते हैं। प्रदेश प्रभारी भी बदले जा सकते हैं: सूत्रों का कहना है कि बैठक में प्रदेश प्रभारी को लेकर भी चर्चा हो सकती है। केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव को भी नई जिम्मेदारी दे सकता है। राव को तीन साल पहले मप्र का प्रभारी बनाया गया था। उनके दिए एक विवादित बयान के बाद वे मप्र में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए। पूरा विधानसभा चुनाव भी उनकी गैरमौजूदगी में लड़ा गया । चुनाव में भाजपा ने 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन इस लिस्ट में मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव को ही जगह नहीं मिली थी। दक्षिण भारत के लिए शिवराज को क्यों चुना? इसके जवाब में जानकार कहते हैं कि इसके पीछे भी बीजेपी का अपना फॉर्मूला है। एमपी के मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज दक्षिण के राज्यों में भी सक्रिय रहे हैं। वहां के मठ-मंदिरों में जाते रहे हैं। तमिलनाडु के साथ आंध्र और कर्नाटक के चुनाव में भी शिवराज सक्रिय रहे। तमिलनाडु को साधने के लिए डॉ. एल मुरुगन को एमपी से राज्यसभा भेजा गया था। सूत्र बताते हैं कि दक्षिण के राज्यों के संगठन में उनकी अच्छी पकड़ है। भाजपा के एक पदाधिकारी के मुताबिक शिवराज को दक्षिण भारत में सक्रिय करना भाजपा के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। दरअसल, भाजपा में शिवराज सिंह चौहान सॉफ्ट हिंदुत्व का चेहरा कहे जाते हैं। वे धार्मिक विवादों से बचते हैं इसलिए दक्षिण के राज्यों के लिए मुफीद कहे जा सकते हैं।

By MPHE

Senior Editor

Related Post