उत्तरप्रदेश-बिहार के हिंदी भाषी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं

डीएमके सांसद दयानिधि बोले- अंग्रेजी बोलने वालों को आईटी कंपनियों में नौकरी मिलती है

चेन्नई, एजेंसी। तमिलनाडु के डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा है कि यूपी-बिहार के हिंदी बोलने वाले लोग हमारे राज्य में आकर टॉयलेट और सड़क साफ करते हैं। वे सिर्फ हिंदी सीखते हैं। उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। जो अंग्रेजी सीखते हैं, वे आईटी कंपनियों में अच्छी नौकरी करते हैं। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने डीएमके सांसद का यह बयान देते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। हालांकि, ये वीडियो कब का है, इसकी जानकारी नहीं है। बीजेपी ने कहा- हिंदुओं और सनातन को गाली देना, लोगों को बांटकर राजनीति करना इंडिया में शामिल पार्टियों के डीएनए में है। ये पहला मामला नहीं है, जब डीएमके के किसी नेता ने हिंदी भाषी राज्यों पर बयान दिया है। हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान डीएमके सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने हिंदी भाषी राज्यों को गोमूत्र स्टेट्स बताया था। लोकसभा में भाषण देते हुए सेंथिल ने 5 दिसंबर को कहा- बीजेपी की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। दक्षिण के राज्यों में भाजपा को घुसने नहीं दिया गया है। सेंथिल कुमार ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के खिलाफ यह बयान दिया था। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई थी। मिजोरम सहित इन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए थे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने 4 अगस्त को एक बैठक में कहा था कि सभी राज्यों को हिंदी स्वीकार करनी चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस पर आपत्ति जताते हुए 5 अगस्त को एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- अमित शाह गैर-हिंदी राज्यों पर जबरदस्ती हिंदी थोप रहे हैं। तमिलनाडु इसे स्वीकार नहीं करेगा, हम हिंदी के गुलाम नहीं बनेंगे। कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे और स्टेट भी इसका विरोध कर रहे हैं।