नगर निगम के हाथ से निकली हाऊबाग स्टेशन की जमीन

नगर निगम के हाथ से निकली हाऊबाग स्टेशन की जमीन
नगर निगम के हाथ से निकली हाऊबाग स्टेशन की जमीन

जबलपुर, मुख्य संवाददाता। जबलपुर के हाउबाग रेलवे स्टेशन में खाली पड़ी जमीन पर जल्द ही कमर्शियल काम्पलेक्स और विला बनाया जाएगा। यह काम रेल नहीं करेगा बल्कि शहर का समदड़िया ग्रुप करेगा। दरअसल हाउबाग रेलवे स्टेशन की लगभग 10 एकड़ जमीन को रेलवे ने 99 साल की लीज पर समदडिया ग्रुप को दे दिया है। जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आने वाली रेल भूमि को कमर्शियल उपयोग के लिए 99 साल की लीज पर देने का पहला मामला है। यह जमीन समदड़िया ग्रुप को मिल गई जबलपुर रेल मंडल ने रेल भूमि विकास प्राधिकरण यानि आरएलडीए को हाउबाग की जमीन कमर्शियल हाथों में सौंपने के लिए दी गई थी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया के तहत यह जमीन समदडिया ग्रुप को मिल गई है। खास बात यह है कि यह वही जमीन है, जिसे नगर निगम लेना चाहता था। वह यहां पर मल्टीप्लेक्स पार्किंग और जनउपयोगी निर्माण कार्य करना चाहता था, लेकिन दोनों विभागों के बीच समन्वय नहीं बना। रेलवे के लीज के दाम अधिक होने की वजह से नगर निगम ने हाथ खड़े कर दिए थे। 34 में से 10 एकड़ ही कमर्शियल भूमि रेलवे अपनी अनुपयोगी जमीन को कमर्शियल उपयोग के लिए लीज पर दे रहा है। इसके लिए जबलपुर के हाउबाग और सतना रेलवे स्टेशन की जमीनी चिंहित की गई थी। हाउबाग रेलवे स्टेशन पर लगभग 34 एकड़ जमीन खाली है, इसमें से लगभग 10 एकड़ 225 ZDM4A जमीन को कमर्शियल किया जाना था। जमीन हस्तांतरण का अधिकारी जबलपुर रेल मंडल को नहीं है। यह अधिकारी सिर्फ आरएलडीए के पास ही है। इस वजह से दोनों स्टेशनों की जमीन को उसे दे दिया गया। यानि आरएलडीए ने जमीन के कमर्शियल उपयोग के लिए टेंडर जारी किया, जो समदडिया ग्रुप को मिल गया है। इससे पूर्व जबलपुर की बर्न कंपनी और पुराना आरटीओ की जमीन भी इसी ग्रुप को लीज पर मिली है। रेलवे भी बना रहा क्वार्टर जबलपुर रेल मंडल और रेलवे का निर्माण विभाग द्वारा हाउबाग रेलवे स्टेशन पर शेष बची 24 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्से पर रेलवे क्वार्टर बना रहा है। यहां पर अधिकारियों के लिए 32 क्वार्टर बनाए जा रहे हैं। वहीं शेष जमीन पर अभी पटाखा बाजार और अवैध पार्किंग होती है। इसे भी रेलवे अपने अधिकारी में लेकर इस पर निर्माण कार्य करेगा। दरअसल लोकसभा चुनाव को देखते हुए रेलवे अपने अधिक से अधिक जमीन को कमर्शियल कर लीज पर देने में जुटा है। अब हाउबाग रेलवे स्टेशन से ग्वारीघाट के बीच खाली जमीन को लीज पर देने की तैयार हो रही हैं। जमीन की अदला-बदली पर उलझा मामला नगर निगम ने जबलपुर रेल मंडल से हाउबाग स्टेशन और छोटी लाइन फाटक से ग्वारीघाट तक नैराग्रेज लाइन की जमीन मांगी थी। 2017 के बाद से दोनों विभागों के इंजीनियर के बीच बैठक और पात्रचार भी हुए। नगर निगम छोटी लाइन से ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन की जमीन में सर्विस सड़क बनाना चाहता है, ताकि ग्वारीघाट जाने वालों को वैकल्पिक मार्ग मिले और यात्रायात सुगम हो। इसके लिए दोनों ने जमीन अदला- बदली करने की निर्णय लिया। नगर निगम इस जमीन के बदले डुमना से लगी जमीन दे रहा था, लेकिन रेलवे का यह जमीन पसंद नहीं। उसने कहां और जमीन मांगी, जो निगम नहीं दे सका। इसके बाद जमीन हस्तांतरण का मामला अटक गया। हमने छोटीलाइन रेल फाटक से ग्वारीघाट स्टेशन तक और हाउबाग रेलवे स्टेशन की कुछ जमीन रेलवे से मांगी थी। इसके बदले में दूसरी जमीन भी दी जा रही थी। अभी तक इसका निष्कर्ष नहीं निकला है। नैरोग्रेज लाइन हटने के बाद इस जमीन पर सड़क बनाना चाहते हैं, ताकि ग्वारीघाट जाने वालों को एक वैकल्पिक मार्ग मिल सके। जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर हाउबाग रेलवे स्टेशन की लगभग 10 एकड़ जमीन कमर्शियल उपयोग के लिए लीज पर देने रेल भूमि विकास प्राधिकरण को दी गई थी। उन्होंने टेंडर प्रक्रिया के तहत यह जमीन समदडिया ग्रुप को दी है। हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पमरे