नई दिल्ली, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के ऐतिहासिक फैसले की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (12 दिसंबर) को कहा कि फैसले ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि, अनुच्छेद 370 और 35 ने जम्मू-कश्मीर में लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि, अनुच्छेद 370, 35 ए ने ये सुनिश्चित किया था कि जम्मू कश्मीर के लोगों को वे अधिकार कभी न मिलें जो साथी भारतीयों मिलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में अपने विचार साझा करते हुए लिखा, 11 दिसंबर को, भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अपने फैसले के
जरिए से, न्यायालय ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को है बरकरार रखा है। कुछ ऐसा जिसे हर भारतीय संजोता है। सुप्रीम कोर्ट ने सही कहा कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया निर्णय संवैधानिक एकीकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, न कि विघटन के लिए। पीएम मोदी ने आगे लिखा, न्यायालय ने इस तथ्य को भी माना है कि अनुच्छेद 370 प्रकृति में स्थायी नहीं था। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लुभावने परिदृश्य, शांत घाटियां और राजसी पहाड़ों ने पीढयों से कवियों, कलाकारों और साहसी लोगों के दिलों को मोहित किया है। यह एक ऐसा स्थान है जहां उदात्त असाधारण से मिलता है, जहां हिमालय आकाश तक पहुंचता है, और जहां इसकी झीलों और नदियों का प्राचीन पानी स्वर्ग को प्रतिबिंबित करता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह क्षेत्र पिछले सात दशकों में हिंसा और अस्थिरता के सबसे खराब दौर का सामना क्यों कर रहा है। पीएम मोदी ने आगे लिखा, दुर्भाग्य से, सदियों के उपनिवेशीकरण, विशेष रूप से आर्थिक और मानसिक पराधीनता के कारण, हम एक प्रकार का भ्रमित समाज बन गए है। बहुत बुनियादी चीजों पर स्पष्ट स्थिति लेने के बजाय, हमने द्वंद्व की अनुमति दी, जिससे भ्रम पैदा हुआ। दुर्भाग्य से, जम्मू और कश्मीर एक प्रकार का भ्रमित समाज बन गया।