जबलपुर, का.सं. । काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप बताया गया है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। अपने भक्तों के लिए बाबा भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बाबा काल भैरव को समर्पित है। इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का खास महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव का अवतरण हुआ था। पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023 दिन सोमवार रात 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है। इसका समापन 6 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को रात में 12 बजकर 48 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में किसी भी व्रत, पूजा एवं अनुष्ठान के लिए उदया तिथि को उत्तम माना जाता है। ऐसे में बाबा काल भैरव की जयंती 5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाएं और भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। अब फूल, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल आदि चीजें अर्पित करें।
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