नेता नहीं बेटा हूं का नारा अभिलाष के लिये बन गया वरदान

नेता नहीं बेटा हूं का नारा अभिलाष के लिये बन गया वरदान
नेता नहीं बेटा हूं का नारा अभिलाष के लिये बन गया वरदान

शुरूआती विरोध और बाहरी प्रत्याशी होने के बाद भी शानदार जीत चौंकाने वाली रही

जबलपुर, मुख्य संवाददाता । २०२३ के विधानसभा चुनाव में सभी चैनलों के एग्जिट पोल तो धरे के धरे रह ही गये साथ ही राजनीतिक पंडितो के अनुमान भी फुस्स साबित हुये और जिले में जिस तरह आठ सीट में से सात में भाजपा ने जीत हासिल की वह चौंकाने वाली जरूर है लेकिन उत्तर- मध्य में भाजपा जिस शानदार तरीके से जीती वह आश्चर्यचकित जरूर मानी जा रही है। इस सीट पर भाजपा ने नये और युवा चेहरे पूर्व भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडेय को टिकिट दी थी लेकिन टिकिट की घोषणा होते ही उनकी उम्मीदवारी का स्थानीय दावेदारों ने विरोध तो किया ही साथ संभागीय कार्यालय में केन्द्रीय मंत्री के साथ धक्का-मुक्की तक की गई इतना ही नहीं गृहमंत्री अमित शाह को खुद इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने नाराज दावेदारों मनाया भी। इतना ही नहीं नगर भाजपा अध्यक्ष ने भी नाराजगी में इस्तीफा दे दिया लेकिन उनका इस्तीफा नामंजूर हो गया। इस सबके बाद भी अभिलाष ने पूरे धैर्य और सालीनता के साथ चुनाव लड़ा। इतना ही नहीं जो-जो भी उनकी उम्मीदवारी से नाराज था सबसे पहले अभिलाष ने उनको साधा। चूंकि अभिलाष को टिकिट दिलाने में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का अहम योगदान रहा इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर भी संगठन को मैदान उतारा और इसी कड़ी में गृहमंत्री का पैदल रोड शो भी कराया गया जिसका भी लाभ अभिलाष को मिला। इसके अलावा अभिलाष का नेता नहीं बेटा के नारे ने भी जीती भी अहम रोल निभाया। जैन समाज से चूंकि टिकिट से प्रबल दावेदारी की गई लेकिन टिकिट नहीं मिलने से जैन समाज से भाजपा से नाराज रहा वहीं ब्राम्हण वोटों के ध्रुवीकरण का फायदा भी अभिलाष को मिला। चूंकि अभिलाष को पहली बार टिकिट मिली और वे पश्चिम विधानसभा के रहने वाले थे इसलिए यहां की आवो-हवा को उनको बखूबी जानकारी नहीं थी लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पूरी रणनीति के तहत चुनाव लड़ा और उनकी भाजयुमो और विधार्थी परिषद की टीम ने भी उनके साथ कदम से कदम मिलाया, इसके अलावा परंपरानुसार नाराज भाजपाई भी अभिलाष को जिताने में जुट गये जिससे इतने विरोध के बाद भी अभिलाष ने कांग्रेस प्रत्याशी विनय सक्सेना को २२ हजार ६५५ वोटों से चुनाव हरा दिया। अभिलाष कुल ८८४१९ वोट मिले वहीं विनय को ६५१६४ वोट मिले जबकि वर्ष २०१८ के चुनाव में उन्हें ५० हजार ४५ वोट मिले इस हिसाब से पिछले चुनाव के मुकाबले विनय को लगभग १५ हजार वोट अधिक मिले।