जबलपुर, मुख्य संवाददाता | सरकारी काम में लापरवाही करने पर यदि ठेकेदार पर पैनाल्टी लगने के बाद भी उसकी वसूली न कर कायदे उसके काम का किश्तों में भुगतान किया जा रहा हो तो इसे तगड़ी सेटिंग ही कहा जायेगा। ऐसा ही एक मामला खाधान्न परिवहन का काम करने वाली फर्म बल्देवबाग स्थित मेसर्स तिरूपति कार्गो का सामने आया जिसमें मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन मुख्यालय द्वारा एलआरटी परिवहन आदेशानुसार गेहूं का परिवहन न किये जाने के कारण राशि २७१८९०२५.०० रूपये की पेनाल्टी लगाये जाने एवं राशि कटौती करने के आदेश जारी करने के बाद भी आज दिनांक तक उक्त फर्म से मूल राशि वसूलना छोड़ो ब्याज तक की वसूली करने की जहमत सिविल सप्लाईज के अधिकारियों ने नहीं उठाई इतना ही नहीं उक्त फर्म द्वारा जो काम किया जा रहा है हर माह उसका किश्तों में भुगतान भी किया जा रहा है जबकि नियमानुसार जब तक कि विभाग द्वारा लगाई गई पैनाल्टी की वसूली फर्म से पूरी नहीं हो जाती तब तक उक्त फर्म का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए था लेकिन तिरूपति कार्गो के संचालक की विभाग के अधिकारियों से तगड़ी सेटिंग होने के कारण दो साल बाद भी पेनाल्टी की राशि न तो जमा कराई जा रही है ना ही राशि की कटौती की जा रही है। मिली शिकायत के अनुसार तिरूपति aari को मण्डला तथा डिण्डोरी जिले में गेहूं का परिवहन किये जाने के आदेश दिये गये थे। तय अनुसार ठेकेदार को मण्डला जिले के ८११.५० मे.टन एवं डिण्डोरी जिले को ९९२.६४ टेन गेहूं का भिजवाना था लेकिन फर्म द्वारा मण्डला जिले के ६१०० मे.टन एवं डिण्डोरी जिले को लगभग २२५० मे.टन परिवहन नहीं किया गया। जिसके कारण डिण्डोरी एवं मण्डला जिले के जिला प्रबंधकों द्वारा गेहूं की मांग लगातार की जा रही थी। ठेकेदार को बार-बार कहने के बाद भी जब मण्डला, डिण्डोरी में गेंहू का परिवहन नहीं किया गया तो प्रमुख सचिव खाध उप महाप्रबंधक वितरण तथा प्रबंध संचालक द्वारा गेहूं का परिवहन न होने के कारण नाराजगी व्यक्त कर ठेकेदार पर नियमानुसार पैनाल्टी लगाये जाने एवं जोखिम एवं खर्चे पर अन्य परिवहनकर्ता से परिवहन कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये। मुख्यालय एवं जिले द्वारा जारी परिवहन आदेशानुसार गेहूं एलआरटी परिवहन न होने के कारण एलआरटी निविदा दस्तावेज की कण्डिका ३४ के अनुसार विलम्बित कार्य की मात्रा पर राशि रूपये २७१८९०२५.०० की पेनाल्टी मेसर्स तिरूपति कार्गो पर लगाये जाने के आदेश जारी किये गये। नियमानुसार ठेकेदार से उक्त पेनाल्टी राशि की कटौती ठेकेदार के देयकों से एवं जमा राशि से करना चाहिए लेकिन ऐसा न करते हुये विभाग के अधिकारी ठेकेदार को लाभ पहुंचाने उसके द्वारा किये जा रहे काम का हर माह किश्तों से भुगतान कर रहे है जिससे यही कहा जा रहा है कि विभाग को इतना बढ़ा चूना लगाने के बाद भी विभाग के ही अधिकारी ठेकेदार को नियम विरूध्द तरीके से लाभ पहुंचा रहे हैं।
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