MP Nursing Scam: भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला अब कोर्ट में पहुंच गया है. वहीं कांग्रेस ने इस मामले में मोर्चा खोल दिया है. मामले को उठाने वाले कार्यपरिषद सदस्य के सदस्य के हटाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्यपाल के सचिव को तलब किया है. वहीं मामले में सियासत तगड़ी गरमाई हुई है. कहा जा रहा है की प्रदेश में घोटालों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को इसी तरह दबा दिया जाता है या उन्हें पद से हटा दिया जाता है.
खराब व्यवहार का हवाला देकर हटाया
नर्सिंग स्कैम को लेकर मोर्चा खोलने वाले राजभवन से नॉमिनेट मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के सदस्य सुनील कुमार राठौर को हटाया गया है. राठौर मेडिकल यूनिवर्सिटी में व्याप्त नर्सिंग घोटाले के खिलाफ मोर्चा खोल हुए थे. 22 सितंबर को राज्यपाल के उप सचिव ने खराब व्यवहार का हवाला देकर परिषद से हटा दिया था.
कोर्ट ने दिखाई सख्ती
खुद को हटाए जाने के बाद सुनील कुमार राठौर की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. न्यायमूर्ति मनिंदर भट्टी ने याचिकाकर्ता के वकील आदित्य सांघी की दलीलें सुनने के बाद राज्यपाल के सचिव और प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन को नोटिस जारी किया है और याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत भी दी है.
याचिकाकर्ता के आरोप
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वह हर बैठक में एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे. इसलिए एमपी सरकार ने उनकी पीठ पीछे उन्हें सुनवाई का कोई मौका दिए बिना हटा दिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कंकाल फूट-फूट कर बाहर आ जायेंगे इसीलिए उन्हें हटाया गया. उन्होंने कहा कि ये एक बड़ा घोटाला है और इसकी तुलना व्यापमं घोटाले से की जा सकती है.
कांग्रेस ने खोला मोर्चा
नर्सिंग स्कैम को लेकर मोर्चा खोलने वाले राजभवन से नॉमिनेट मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के सदस्य सुनील कुमार राठौर को हटाए जाने पर कांग्रेस भड़क गई है.कांग्रेस प्रवक्ता केके अग्रवाल ने कहा कि शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा कि व्यापम के दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. आरोपी मंत्री बनकर घूम रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज सकते हुए केके अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने 18 साल से भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है. फिर भी कह रहे हैं कि चौथी बार आएंगी. क्या इस बार विधानसभा राजभवन बेचकर जाएंगे शिवराज. एमपी को खा गए शिवराज नहीं बचा कुछ भी.