सिक्किम में अचानक आई बाढ़ से संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की खबर है। उत्तरी सिक्किम में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात कोई आई त्रासदी में अब तक तीन लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है। इसमें भारतीय सेना के 23 जवानों के लापता होने और कई वाहन बह गए। जानकारी के मुताबिक, उफनती तीस्ता नदी के कारण प्रमुख सड़कें और पुल बह गए हैं। इस बीच बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग-10 समेत प्रमुख सड़कें बह गईं हैं। बादल फटने के बाद सिक्किम में अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री पीएस गोले ने सिंगतम में घटनास्थल का दौरा किया और हर मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने जिला प्रशासन और नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की। इस बीच युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य शुरू की जा रही है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने कहा कि तीस्ता बैराज से तीन शव बरामद किए गए हैं। शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। हमने निकासी का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि कोई जनहानि नहीं होगी। कलिमपोंग के एक परिवार को हम बचाकर ले आए थे, लेकिन वे हमारे कैंप से वापस चले गए और फंस गए। हमने सेना की एक टुकड़ी भेजी है और वे उन्हें ढूंढने का प्रयास कर रही है।
कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई
तीस्ता नदी का जल स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक सिक्किम में लोनार्क झील के फटने से बुधवार को कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई। बताया जा रहा है कि सिक्किम में निचले इलाकों और तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अचानक बाढ़ की चेतावनी दी गई है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
सिक्किम में तीस्ता नदी का पानी बुधवार सुबह सिंगतम और रंगपो जैसे निचले इलाकों में घुस गया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। इसके अलावा तीस्ता नदी के बढ़ते पानी से प्रतिष्ठित इंद्रेनी पुल भी बह गया। यह पूर्वी सिक्किम में सिंगतम को दक्षिण जिले को आदर्श गांव से जोड़ता है। दूसरी ओर सिक्किम में अधिकारियों ने डिक्चू, सिंगतम और रंगपो जैसे इलाकों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।