इंडियन इकोनॉमी लगातार तरक्की की राह पर बढ़ रही है. आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों को देखें तो अब देश के चालू खाते का घाटा आधा हो गया है. आखिर क्या मायने हैं इसके?भारतीय इकोनॉमी का डंका दुनिया में बज रहा है. हाल में G20 बैठक के दौरान भारत की आर्थिक ताकत का जलवा पूरी दुनिया ने देखा भी. अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए चालू खाते के घाटे के आंकड़े जारी किए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले आधा रह गया है. ये भारतीय इकोनॉमी के लिए कैसे फायदेमंद हैं, चलिए जानते हैं
भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में ये 9.2 अरब डॉलर रह गया है. ये देश की जीडीपी के 1.1 प्रतिशत के बराबर है. जबकि पिछले साल इसी तिमाही में देश के चालू खाते का घाटा 17.9 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 2.1 प्रतिशत के बराबर था. हालांकि ताजा आंकड़ों को ठीक एक तिमाही पहले यानी जनवरी-मार्च से तुलना करके देखा जाए तो देश में चालू खाते का घाटा बढ़ा है. तब ये महज 1.3 अरब डॉलर था. इस बीच भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है.