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बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी, जल चढ़ाने को लेकर नई व्यवस्था लागू, अब ऐसे चढ़ा पाएंगे जल

By MPHE Apr 27, 2024
बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी, जल चढ़ाने को लेकर नई व्यवस्था लागू, अब ऐसे चढ़ा पाएंगे जल
बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी, जल चढ़ाने को लेकर नई व्यवस्था लागू, अब ऐसे चढ़ा पाएंगे जल

बाबा महाकाल के भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल चढ़ाने का लेकर बंद हुई व्‍यवस्‍था को एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है।

जिसके बाद अब नए तरीके से भक्तों को जल चढ़ाने की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा की गई है।

कब से चढ़ा पाएंगे जल

शिव शक्ति और क्रोध वाले माने जाते हैं। यही कारण है कि वैशाख के महीने में शिव को शांत करने के लिए निरंतर जल धारा उनपर प्रवाहित की जाती है, क्‍योंकि उज्‍जैन महाकालेश्‍वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं इसलिए सभी भक्त इनकी विशेष कृपा पाने के लिए उनपर जल अर्पित करना चाहते हैं।

ऐसे में यदि आप भी बाबा महाकाल को जल चढ़ाना चाहते हैं तो आप भी इसके लिए उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में समिति द्वारा नई व्यवस्था लागू की गई है। शुक्रवार यानी 26 अप्रैल 2024 से यह व्‍यवस्‍था शुरु कर दी गई है।

मंदिर समिति ने रखे दो जल पात्र

प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने लाखों की संख्या में भक्‍त आते हैं, लेकिन वो महाकाल को जल नहीं चढ़ा पाते थे, लेकिन अब सावन पर्व के बाद अब जो श्रद्धालु कार्तिक मंडपम व सभा मंडपम से प्रवेश करेंगे

वे भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भगवान को जल अर्पित करने के लिए मंदिर के सभा मंडप व कार्तिकेय मंडप में जल पात्रों की व्यवस्था की गई है।

इसके लिए मंदिर समिति ने दो जल पात्र रखे हैं जिसमें भक्त जल पात्र में डालेंगे तो वो जल सीधे शिवलिंग पर अर्पित होगा।

पाइप के माध्‍यम से होगा अभिषेक

महाकाल के भक्तों को कोई परेशानी ना हो इसलिए श्रद्धालुओं द्वारा पात्रों में अर्पित किया जल पाइप के द्वारा मंदिर के गर्भगृह में लगे अभिषेक पात्र के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर को समर्पित होगा।

वैशाख व ज्येष्ठ मास में भगवान को शीतलता

भगवान श्री महाकालेश्वर को गर्मी से बचाने के लिए वैशाख व ज्येष्ठ मास में शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के कलश (गलन्तिका) से ठंडे पानी की जलधारा प्रवाहित की जाती है, लेकिन अब श्री महाकालेश्वर भगवान के भक्तों द्वारा भी उनका जलाभिषेक हो पाएगा।

By MPHE

Senior Editor

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