नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजन ….
मां दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है।मां के इस रूप में ब्रम्हा,विष्णु,महेश तीनों देवों की शक्तियां समाहित हैं।मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार हैं, दस भुजाओं वाली मां अपने हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष ,कमल,कमंडल ,गदा ,चक्र, बाण, खड्ग,खप्पर,धारण करती हैं।भक्तों के लिए माता का ये स्वरूप सौम्य और शांत है। शास्त्रों के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है।मां के पूजन से ऐश्वर्य,समृद्धि के साथ – साथ सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है।मां को पीला गुलाब,सफेद कमल दही,हलवा ,दूध मिश्री का भोग प्रिय है।।
बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’
प्रार्थना:
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🙏🙏
प्रस्तुति:- नीरजा वाजपेयी