दक्षिण भारत के शहर बेंगलुरु में कुछ प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी में लिखे बिल बोर्ड तोड़-फोड़ दिए.
उनकी मांग थी कि बिलबोर्ड पर शहर की स्थानीय भाषा कन्नड़ में लिखा जाए. बेंगलुरु को कई अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों का घर होने की वजह से अक्सर भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है.
कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी) का यह विरोध सरकार पर उस कानून को लागू करने के लिए जोर डालना है जिसके तहत शहर में हर डिसप्ले पर 60 फीसदी संदेश कन्नड़ भाषा में होना अनिवार्य है.
केआरवी को भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिला जिन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि कन्नड़ में डिसप्ले की मांग करने में कोई नुकसान नहीं है.