
जबलपुर (हिन्दी एक्सप्रेस)।नए वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से प्रदेश के लोगों को बिजली 3.86 फीसदी महंगी मिल सकती है। मध्य प्रदेश नियामक आयोग ने मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की सौंपी टैरिफ पिटीशन स्वीकार कर ली है। बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए बिजली दरें बढ़ाने की अनुमति आयोग से मांगी है। आयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस टैरिफ पर दावे- आपत्तियां बुलाकर 29 जनवरी को जबलपुर, 30 जनवरी को भोपाल और 31 जनवरी को इंदौर में जनसुनवाई करेगा। इसके बाद बिजली दरें बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिजली दरों में मामूली वृद्धि की जा सकती है। पिछले साल 1.65 फीसदी महंगी हुई थी बिजली कंपनियों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए बिजली 3.20 फीसदी महंगी करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने सिर्फ 1.65 महंगी करने की अनुमति दी थी। 55 हजार रुपये की बजाई जरुरत आयोग की अधिकृत जानकारी के अनुसार, बिजली कंपनियों ने पिटीशन में बताया कि उन्हें बिजली कंपनियां चलाने के लिए 55 हजार 72 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। जबकि बिजली से 53 हजार 26 करोड़ रुपये राजस्व का अनुमान है। ऐसे में 2,046 करोड़ के अंतर की भरपाई के लिए दरों में वृद्धि किया जाना है। इसमें घरेलू श्रेणी का 300 यूनिट के ऊपर वाला टैरिफ स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है। इसकी जगह 151-300 यूनिट टैरिफ को 151 यूनिट से ऊपर प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा दस अन्य संशोधन किए गए हैं।