जबलपुर (हिन्दी एक्सप्रेस)। न्यायालयीन अवमानना प्रकरण के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगा दी है। इससे विभागीय स्टाफ और शिक्षकों का वेतन अटक गया है। दिसंबर पेड जनवरी के वेतन पर भी संकट गहरा गया है। अनुदान प्राप्त स्कूलों की ग्रांट भी रुक गई है। अनुदान प्राप्त स्कूलों के 300 शिक्षक भी प्रभावित हो गए हैं। अनुदान प्राप्त स्कूलों को लंबे समय बाद ग्रांट मिली थी। ग्रांट न आने से शिक्षकों का वेतन का भुगतान भी नहीं हो पा रहा था। अब जब ग्रांट जारी हुई तो दूसरी और आहरण संवितरण के अधिकार पर रोक लगने से नई समस्या पैदा हो गई है। शिक्षकों का कहना है कि गलती किसी की लेकिन इसकी सजा सभी को भुगतनी पड़ रही है। आयुक्त ने लगाई रोक » विभागीय सूत्रों के अनुसार न्यायालयीन अवमानना प्रकरण के चलते आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश पर संचालक कोष एवं लेखा ने यह कार्रवाई की है। विभाग द्वारा वेतन आहरण और संवितरण के अधिकार किसी को नहीं दिए जाने से स्टाफ और शिक्षकों को नवंबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। अब दिसंबर पेड जनवरी के वेतन पर भी संकट गहरा गया है। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षक भी परेशान » जिला शिक्षा अधिकारी के वित्तीय अधिकार रोके जाने से अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षक भी इस लपेटे में आ गए हैं। उन्हें तीन-चार माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। शासन ने हाल ही में ऐसे स्कूलों की रुकी हुई ग्रांट जारी किया है। इससे शिक्षकों में खुशी थी कि उनका रुका हुआ वेतन मिल जाएगा। लेकिन, जिला शिक्षा अधिकारी के वित्तीय अधिकार रोक दिए जाने से उनका वेतन अटक गया है।
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