जबलपुर, मुख्य संवाददाता। सिविल जज परीक्षा के लिए न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम, 1994 के संशोधित नियम 7 (जी) को स्थगित कर दिया गया है। इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन की तरफ से शुद्धि पत्र आदेष जारी किया गया है। सिविल जज परीक्षा में आवेदन करने के लिए यह नियम बाधक नहीं होगा। गौरतलब है कि सिविल जज परीक्षा के लिए आवेदन के नियम 7 जी के अनुसार अभ्यर्थियों को एलएलबी परीक्षा में 70 प्रतिषत अंक आवष्यक थे। एटीकेटी से परीक्षा प्राप्त करने वाले आवेदन नहीं कर सकते थे। इसके अलावा तीन सालों तक प्रतिवर्ष कोर्ट में 6 पेशियों में उपस्थिति का सबूत भी प्रस्तुत करना था। वकालत के तीन साल का अनुभव सहित अन्य षर्ते थी जिसके खिलाफसर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस जे के माहेश्वरी तथा जस्टिस के बी विश्वनाथन की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय की तरफ से बताया गया कि परीक्षा का आयोजन न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम, 1994 के अनुसार किया जायेगा। संषोधित नियम 7 (जी) की बाध्यता को स्थगित कर दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त मामले की सुनवाई हाईकोर्ट 100 को करने के निर्देश किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेष में कहा है कि हाईकोर्ट फरवरी माह के अंत कर मामले की सुनवाई पूरी करने प्रयास करें। इस संबंध में हाईकोर्ट द्वारा जारी शुद्धि पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि सिविल जज परीक्षा में आवेदन करने के लिए संशोधित नियम 7 (जी) की बाध्यता को स्थगित कर दिया गया है। परीक्षा के आवेदन की अंतिम तारीख 18 दिसंबर है और पूर्व नियम के तहत योग्यता रखने वाले आवेदन दायर कर सकते है।
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