नई दिल्ली, एजेंसी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को अबकी बार हार का सामना करना पड़ा है, किन कारणों के चलते कांग्रेस की हार हुई इसे लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं सियासत के गलियारों में चल पड़ी है, तो वहीं कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस इतने कम सीटों पर कैसे सिमट गई, इसे लेकर मंथन किया जा रहा है। इधर, अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सियासी भविष्य पर भी संकट गहराने लगा है, जहां सियासत के के जानकारों की माने तो एमपी में मिली बड़ी हार के बाद कमलनाथ कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। वहीं हाई कमान की ओर से हार को लेकर मंथन किए जाने के बाद कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने पर भी विचार किया जा सकता है। वहीं अब कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम नाम चलते दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
जीतू पटवारी बन सकते हैं अध्यक्ष : जीतू पटवारी के सियासी करियर पर एक नजर डालें तो जीतू पटवारी कांग्रेस के उन कद्दावर नेताओं में से हैं, जिनका प्रभाव पूरे प्रदेश पर दिखाई देता है। जीतू पटवारी ने अपनी राजनीति युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर शुरू की थी, जहां जीतू पटवारी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साथ ही जीतू पटवारी राऊ विधानसभा से दो बार विधायक रहे हैं, तो वहीं कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री का
दायित्व भी निभा चुके हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले जीतू पटवारी संगठन में भी अलग-अलग दायित्वों का निर्वहन सफलतापूर्वक कर चुके हैं। इन नामों पर हो सकती है चर्चा : मध्य प्रदेश में कांग्रेस जल्द ही नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है, जिसे लेकर वर्तमान में जो नाम चल रहे हैं उनमें प्रमुख तौर पर कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार, जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक जीतू पटवारी के नाम शामिल है। संभावना जताई जा रही है कि, मिशन 2024 को देखते हुए कांग्रेस मध्य प्रदेश में आदिवासी चेहरे को अपना प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है, जहां इन्हीं संभावनाओं के चलते विधायक उमंग सिंगार का नाम इस रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है। वहीं यदि संगठन बड़े नेताओं पर अपना भरोसा जाता है तो इसमें जीतू पटवारी जैसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए मौका मिल सकता है।