ओवैसी ने केसीआर के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की

ओवैसी ने केसीआर के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की
ओवैसी ने केसीआर के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की

कांग्रेस और भाजपा के विरोध में बोले

हैदराबाद (एजेंसी)। तेलंगाना विधानसभा – चुनाव में दो दिन शेष हैं। चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति को अजमा कर लोगों का दिल जीतना चा रही है। इस बीच चुनाव में एआईएमआईएम और केसीआर की पार्टी बीआरएस में डील होने की बात पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। जब ओवैसी से पूछा गया कि इस बार के चुनावों में उनकी पार्टी खुलकर बीआरएस का समर्थन करती नजर आ रही है, तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया। ओवैसी ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर हमारे खिलाफ बीआरएस उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। जहां भी उम्मीदवार नहीं हैं, हमने जनता से आग्रह किया है कि वे चुनाव लड़ें। ओवैसी ने कहा कि हम मामू (केसीआर) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन केसीआर तीसरी बार सीएम बन सकते हैं। ओवैसी ने इसी के साथ आज चुनाव आयोग द्वारा तेलंगाना सरकार की रायथु बंडू योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया रोकने पर एतराज जताया। एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस पर आपत्ति जताई है, जो – गलत है। ओवैसी ने कहा कि यह एक चालू योजना है और वर्षों से कार्यान्वयन में है। कांग्रेस पार्टी को एक चल रही योजना के खिलाफ क्या आपत्ति है? नई योजना होती तो फिर भी समझ में आता। ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि योजना को रुकवाकर कांग्रेस ने दिखा दिया कि वो नहीं चाहते कि किसानों का भला हो। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र पर भी एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कटाक्ष किया है। ओवैसी ने कहा कि राज्य में 4 फीसद मुस्लिम आरक्षण खत्म करने का भाजपा का वादा झूठा है। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को जो आरक्षण दिया जा रहा है, वह धर्म के आधार पर नहीं है।

संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से 2 दिसंबर को बुलाई सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा। इससे पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। संसद सत्र 22 दिसंबर को समाप्त होगा। बता दें, पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) के विधानसभा चुनाव के परिणाम के ठीक बाद यह शीतकालीन सत्र होने जा रहा है। इन राज्यों के चुनाव परिणाम सत्र में पार्टियों के रुख पर असर डाल सकते हैं।