देश के कई हिस्सों में हनुमान जन्मोत्सव दीवाली से एक दिन पूर्व मनाते हैं

देश के कई हिस्सों में हनुमान जन्मोत्सव दीवाली से एक दिन पूर्व मनाते हैं
देश के कई हिस्सों में हनुमान जन्मोत्सव दीवाली से एक दिन पूर्व मनाते हैं

सभी माह में से कार्तिक माह को हिंदू धर्म में सबसे सर्वोत्तम माना गया है। इसका कारण ये भी है कि इस माह में कई बड़े त्योहार और पर्व मनाए जाते हैं। मनाया जाता है. मान्यता है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था. ऐसे में दिवाली से पहले हनुमान जी की पूजा का विधान है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह में मनाया जाता है, लेकिन देश के कई हिस्सों में इसे दिवाली से पहले मनाने की परंपरा है। ज्ञात हो कि इस बार रविवार, 23 अक्टूबर से 24 अक्टूबर की प्रातः तक नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं कई जानकारों का ये भी मत है कि सामान्यतः कई लोग इसे हनुमान जयंती कह देते हैं, जबकि जयंती उनकी मनाई जाती है जो अब जीवित नहीं हैं। वहीं हनुमान जी तो चिरंजीवी हैं और जीवित व्यक्ति का जन्मोत्सव होता है। अतः इसे हनुमान जन्मोत्सव ही कहा जाना चाहिए न कि हनुमान जयंती ॥ शास्त्रों के अनुसार दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव और नरक चतुर्दशी एक ही दिन मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां हावी होती हैं, इसलिए उन्हें दूर करने के लिए दिवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है। यह भी माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से सभी प्रकार के रोग, दोष दूर होते हैं और सभी नकारात्मकताओं का नाश होता है।