अदालत ने जमानत देने से किया इंकार

अदालत ने जमानत देने से किया इंकार
अदालत ने जमानत देने से किया इंकार

नई दिल्ली, एजेंसी। आबकारी मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई सोमवार (30 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट में हुई। सिसोदिया की ओर से दायर की गई। याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुनाया। ये फैसला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए सिसोदिया के खिलाफ जांच किए जा रहे पर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले दिल्ली आबकारी मामले में सीबीआई और ईडी से कई सवाल पूछे थे। सिसोदिया कथित शराब घोटाले मामले में इस साल के फरवरी महीने से ही जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने अक्टूबर महीने के शुरुआत में सिसोदिया के जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। तीन महीने के बाद फिर याचिका लगाएंगे सिसोदिया ? सुप्रीम कोर्ट भले ही सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया हो लेकिन जांच एजेंसियों को अदालत ने निर्देश दिया है कि वो 6 से 8 महीने में अपना मुकदमा पूरा करे। शीर्ष अदालत का ये भी कहना है कि अगर मुकदमे की प्रक्रिया धीमी रहती है, तो सिसोदिया तीन महीने के भीतर फिर से जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।

26 फरवरी से ही हिरासत में हैं सिसोदिया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ में कथित भूमिका को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वह तब से ही हिरासत में हैं.