नई दिल्ली, एजेंसी इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 21वां दिन है। इजराइली सेना ने गुरुवार रात को बताया कि उन्होंने हमास के 5 सीनियर कमांडरों को मार गिराया है। इनमें हमास इंटेलिजेंस का डिप्टी हेड शादी बारूद भी शामिल है। वो इजराइल पर हमले करने वाले हमास के पॉलिटिकल विंग के लीडर याह्या सिनवार के साथ मिलकर काम करता था। दूसरी तरफ, हमास ने दावा किया है कि इजराइली हमले में 50 बंधकों की मौत हो गई है। इसके पहले हमास ने दावा किया था कि 20 बंधक इजराइली हमले में मारे गए हैं। दरअसल, 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाके 200 से 250 इजराइली और विदेशी नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इनमें से अब तक 4 बंधकों को रिहा किया गया है।
मिस्र के तवा शहर में मिसाइल गिरी, 6 घायल : मिस्र के अल काहेरा न्यूज के मुताबिक, इजराइली सीमा के पास मिस्र के लाल सागर रिसॉर्ट शहर तबा की एक मेडिकल फैसिलिटी पास एक मिसाइल गिरी, जिससे छह लोग घायल हो गए। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हुआ है कि मिसाइल जंग से संबंधित थी या किसी गलत टेस्टिंग की वजह से ऐसा हुआ। अमेरिका ने गुरुवार को सीरिया में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉप्स के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की अमेरिका ने इसे इराक और सीरिया में उनकी सेना पर हुए हमले का बदला बताया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले का आदेश राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया था, जिससे अमेरिका ये मैसेज दे सके कि वो अपनी सेना पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा
क्या है हमास की अल-कासिम ब्रिगेड : इसके लड़ाके पाइप से रॉकेट लेते हैं, इस विंग चीफ को 7 बार की कोशिश हुई हमास की बेहद मानी जाने वाली मिलिट्री विंग अल कासिम ब्रिगेड ने इजराइल पर हमला । इसका चीफ मोहम्मद देइफ है। 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए का मास्टरमाइंड है। देइफ सालों से इजराइल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में पर है। इजराइल ने 2021 में उसे 7 मारने की कोशिश की, लेकिन नाकाम अल कासिम ब्रिगेड को 1991 में बनाया गया। इसका नाम फिलिस्तीनी मुजाहिदीन इज्ज अल दीन अल कासिम के नाम पर रखा गया है। इधर, अमेरिका
की खुफिया एजेंसी का कहना है कि अल-कासिम के लड़ाके हथियार बनाना जानते हैं। वो हमले में सबसे ज्यादा रॉकेट और ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं। इन लड़ाकों को रॉकेट, दूश्वष्ठ बनाने में महारत हासिल है। इजराइली डिफेंस फोर्स के मुताबिक, अल-कासिम ब्रिगेड के लड़ाके पाइप से रॉकेट बना लेते हैं। आईडीएफ ने इससे जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया था।
रिफ्यूजी कैंप में जन्मा इजराइल पर हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद देइफ मोहम्मद देइफ 1965 में गाजा के खान यूनिस कैंप (रिफ्यूजी कैंप ) में पैदा हुआ था। उस समय गाजा पर इजिप्ट का कब्जा था। 1950 में इजराइल में हथियार लेकर घुसपैठ करने वालों में उसका पिता भी
शामिल था। बचपन से ही उसने अपने रिश्तेदारों को फिलिस्तीन की लड़ाई लड़ते हुए देखा था। देइफ ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। 20 साल की उम्र के बाद देइफ की कोई तस्वीर सामने नहीं आई है।
हमास की स्थापना 80 के दशक के अंत में हुई। तब देइफ की उम्र करीब 20 साल थी। ये वो समय था जब वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजराइल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह की शुरुआत हुई थी। इस दौरान देइफ को आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद 1993 में इजराइल – फिलिस्तीन से हजारों मील दूर अमेरिका में एक समझौता हुआ। इसे दुनिया ओस्लो समझौते के नाम से जानती है। ये शांति समझौता इजराइल और फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत 10 सितंबर, 1993 को पीएलओ ने इजराइल को मान्यता दे दी। बदले में इजराइल ने भी बड़ा फैसला लिया। उसने पीएलओ को फिलिस्तीन का आधिकारिक प्रतिनिधि माना, लेकिन हमास को बात रास नहीं आई। उसका कहना था कि फिलिस्तीन को वो सारी जमीन वापस की जानी चाहिए जो उसके पास 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के पहले तक थी। ओस्लो समझौते के खिलाफ 1996 में इजराइल में एक अटैक हुआ। इसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसका आरोप भी देइफ पर लगा।