कनाडा के पीएम के ताजा बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि उन्होंने भी अब भारत की ताकत को स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा कनाडा अपने आपको भारत के साथ करीबी संबंध कायम करने में दिलचस्पी दिखा रहा है. भारत-कनाडा मामला कभी सख्त तो कभी नर्म होता दिख रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि खालिस्तानी निज्जर की हत्या के बाद से छिड़े विवाद के बाद ट्रुडो का नया बयान सामने आया है. उनके बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अब भारत की ताकत को स्वीकार कर लिया है. वहीं, उन्होंने कबूल किया है कि भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है. उन्होंने अपनी इंडो-पैसिफिक नीति को भी दोहराया जिसमें कनाडा अपने आपको भारत के साथ करीबी संबंध कायम करने में दिलचस्पी रखता है.
कनाडा के पीएम के इन बयानों से लगने लगा है जैसे उनको भारत और उसके साथ रिश्ते की अहमियत पता चल गई है. ऐसे में अब ट्रुडो भारतीय बाजार छोड़ने से पहले सौ बार सोचेंगे. दरअसल, बीच में खबर आई थी कि मंदी की आशंका जैसे कारणों के चलते विदेशी निवेशकों में चिंता बढ गई है. जिस वजह से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की शुद्ध निकासी कर डाली है. अब इस मामले में नया मोड ये है कि इस निकासी में कनाडाई आउटफ्लो के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव भले हो लेकिन बाजार पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है.