जगदगुरू शंकराचार्य महाराज का भव्य पूजन-अर्चन पवित्रभाव से कर्म करने वाला श्री और यश का सुपात्र

जगदगुरू शंकराचार्य महाराज का भव्य पूजन-अर्चन पवित्रभाव से कर्म करने वाला श्री और यश का सुपात्र
जगदगुरू शंकराचार्य महाराज का भव्य पूजन-अर्चन पवित्रभाव से कर्म करने वाला श्री और यश का सुपात्र

जबलपुर, का. सं. । ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का गोरखपुर स्थित भनोत हाउस में पावन पादुका पूजन एवं पूजन अर्चन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। द्वि-पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के अनन्य शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शुभाशीर्वचन देते हुए उद्बोधित किया कि हमें जीवन में पात्र बनना चाहिए। ईश्वर सब पर समान कृपा का भाव रखता है, हम उसे किस भाव से ग्रहण करते है, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। जिसके पास धन होता है उसे धर्म कर्म मानव सेवा जैसे सकार्यों में व्यय करना चाहिए। इससे श्री में वृद्धि होती है । व्यक्ति को कोई भी कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। हर कार्य को बढ़चढ़कर प्रसन्न भाव में करना चाहिए, इससे सफलता अवश्य मिलती है। भनोत हाउस में प्रातः स्मरणीय परमपूज्यपाद के
चरण पड़ते ही आचार्यों ने समवेत स्वर में स्वास्तिवाचन और पुष्प वृष्टि की। इस अवसर पर शंकराचार्य भगवान की जम के उद्घोष भी गुंजित हुए। आरंभ में परिवारजनों ने शंकराचार्य भगवान का पाद पक्षालन किया। चारों धाम और बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का सुयोग अर्जित करने वाले प. गौरव भनोत ने सपत्नीक पूजन अर्चन किया। बेदोच्चारण के मध्य भनोत परिवार के ज्येष्ठ सुपुत्र श्रीमति एवं श्री तरूण भनोत ने पूजन-अर्चन और आरती कर आर्शीवाद ग्रहण किया। तीन पीढ़ी ने शंकराचार्य जी भगवान का अभिषेक कर पुण्यार्जित किया । इस शुभ अवसर पर महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू पं. द्वारका प्रसाद मिश्रा, सर्वश्री शेखर सोनी, दिनेश गुड्डू तामसेतवार, अनुपम जैन, नरिन्दर पांधे, दिनेश सिंगरौल, मनीष पटेल, बलवंत सिंह गुर्जर आदि ने महाराज श्री से आर्शीवाद और प्रसाद ग्रहण किया ।