जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में अगले महीने के 25 तारीख को मतदान होने जा रहा है। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव प्रचार करने शुरू कर दिए हैं। लेकिन दोनों पार्टियों में सीएम पद को लेकर पेंच फंस सकती है। अभी कोई भी पार्टी यह एलान नहीं कर पाई है कि अगर चुनाव में जीत हासिल होती है तो प्रदेश के सीएम हमारी तरफ से ये विशेष नेता होगा। मौजूदा समय में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और देश की सबसे पुरानी पार्टी का दावा है कि करीब तीन दशक का परंपरा को तोड़ते हुए इस बार भी वही सरकार बनाएगी। कांग्रेस के इस बयान से अब एक सवाल सुलगने लगे हैं। सियासी गलियारों में ये चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि अगर कांग्रेस दुबारा चुनकर सत्ता में आती है तो इस बार सीएम का ताज किस पर सजेगा? इस बात को लेकर राजस्थान की सियासत में काफी गरमाहट देखी जा रही है। हाल ही में टिकट बंटवारों को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूबे के सीएम अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि, मैं सीएम का
पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन ये पद मुझे छोड़ नहीं रहा है। प्रदेश की जनता मुझे चौथी पर मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहती है। गहलोत के मन में सीएम पद को लेकर क्या है चाह? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि, अगर तीन दशक की परंपरा को कांग्रेस तोड़ कर राजस्थान की सत्ता पर फिर से काबिज होती हैं तो क्या आप सीएम बनेंगे ? जिसका जवाब देते हुए गहलोत ने स्वास्थ्य सेवा की लाभार्थी एक महिला का जिक्र करते हुए कहा था कि, प्रदेश की जनता एक बार फिर से सीएम बनते हुए देखना चाहती है। मैं ये पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन ये मुझे छोड़ नहीं रहा है। गहलोत ने गांधी परिवार का जिक्र कर आगे कहा था कि कुछ सोच समझ कर ही गांधी परिवार ने मुझे ये जिम्मेदारी दी है। अब गहलोत के इसी बयान पर सचिन पायलट का बयान सामने आया है जो साल 2018 के चुनाव से ही राजस्थान के सीएम बनने की लालसा लिए बैठे हैं। यह भी पढ़े- राजस्थान चुनाव कांग्रेस की दूसरी सूची जल्द, उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए सीईसी बैठक माह के अंत में पायलट ने क्या कहा? गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने न्यूज 18 से बातचीत ने में कहा है कि, सबसे पहले जरूरी है कि हम प्रदेश का चुनाव जीते, तब देखेंगे आखिर कौन सीएम पद को संभालता है। पायलट ने ज्यादा कुछ न कहते हुए इशारों ही इशारों में कहा कि एक बार जीत हासिल हो जाए उसके बाद देखेंगे कि विधायक किसे अपना नेता चुनते हैं और पार्टी हाईकमान का आखिर क्या फैसला होता है। कांग्रेस जीती तो फिर… जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले विस चुनाव से ही गहलोत – पायलट सीएम की कुर्सी को लेकर एक-दूसरे पर टिका टिप्पणी करते रहे हैं। पायलट जहां गहलोत पर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते रहे तो वहीं गहलोत निकम्मा, नकारा जैसे शब्दों से सचिन की तुलना करते रहे हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले राहुल, खड़गे के नेतृत्व में दोनों नेताओं को एक छतरी के नीचे लाया गया है। जिसका नतीजा दोनों नेता साथ मिलकर कांग्रेस को जीत दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं पर कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस जीत दर्ज करती है तो पिछली बार की तरह ही सीएम की कुर्सी को लेकर खींचतान मच सकता है।