भोपाल ( राजनीतिक संवाददाता) । म.प्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस की टिकिटें घोषित होने के बाद पूरे प्रदेश से बगावत के समाचार आ रहे हैं। बड़े नेताओं के विरुद्ध नारेबाजी और पुतला दहन किया जा रहा है। इस्तीफों की बाढ़ आ गई है। आनन फानन पार्टी बदली जा रही है। चूंकि अब भाजपा और कांग्रेस की इक्का – दुक्का छोड़कर शेष सीटें घोषित हो चुकी हैं इसलिए दल बदलकर टिकिट हासिल करने के लिए सपा , बसपा , आम आदमी पार्टी जैसे विकल्प ही खुले थे । इस सूची में ताजा नाम जनता दल (यू) का भी जुड़ गया है जिसने कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं होने पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने गत दिवस जबलपुर में तदाशय की घोषणा की। टिकिट कटने से नाराज जो नेता पार्टी छोड़ रहे हैं उनके लिए उक्त पार्टियां लाल कालीन बिछा रही हैं। इसका एक कारण ये है कि उनके पास प्रदेश भर में लड़ाने लायक पर्याप्त उम्मीदवार नहीं हैं।। प्रत्याशी चयन में कड़े मापदंड अपनाने वाली आम आदमी पार्टी भी दलबदल कर आ रहे लोगों को झाड़ू चिन्ह देकर अपने मत प्रतिशत में वृद्धि करने प्रयासरत है। सपा, बसपा और जनता दल (यू) लोकसभा चुनाव में बड़ी पार्टियों से सौदेबाजी करने के लिए इस चुनाव में जोर आजमाइश कर रहे हैं। ये सभी बड़ी सफलता की उम्मीद तो नहीं कर सकते किंतु यदि सभी ने मिलकर 5 फीसदी भाजपा विरोधी मत हासिल किए तो कांग्रेस का खेल बिगड़ जायेगा।
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