इस्राइल पर हो रहे हमलों से जुड़ा बड़ा खुलासा; हमास को पड़ोस से नहीं, बल्कि इस देश से मिल रहे हथियार

इस्राइल पर हो रहे हमलों से जुड़ा बड़ा खुलासा; हमास को पड़ोस से नहीं, बल्कि इस देश से मिल रहे हथियार
इस्राइल पर हो रहे हमलों से जुड़ा बड़ा खुलासा; हमास को पड़ोस से नहीं, बल्कि इस देश से मिल रहे हथियार

इस्राइल और हमास के बीच युद्ध में करीब पांच हजार लोगों की मौत हो गई। गाजा पट्टी में अभी तक 3500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस्राइल में 1400 लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच, एक वीडियो सामने आ रहा है, जिससे संभावना जताई जा रही है कि सात अक्तूबर को हमास द्वारा इस्राइल पर अचानक हुए हमले में उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। एक वीडियो और इस्राइल द्वारा जब्त किए गए हथियारों से पता चलता है कि उत्तर कोरिया इनकार करने के बावजूद वह हमास को हथियार बेचता है।

एफ-7  का इस्तेमाल
वीडियो का विश्लेषण उत्तर कोरियाई हथियारों के दो विशेषज्ञों द्वारा किया गया था। युद्ध के दौरान जब्त किए गए हथियारों और दक्षिण कोरियाई सैन्य खुफिया जानकारी के विश्लेषण के साथ वीडियो दिखाता है कि हमास ने एफ-7 रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया है। बता दें, एफ-7 रॉकेट, एक कंधे से दागा जाने वाला हथियार है, जिसे लड़ाकू आमतौर पर बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं। ये सबूत हथियारों के अवैध व्यापार की उस दुनिया पर रोशनी डालते हैं, जिसका प्रतिबंधों से जूझ रहा उत्तर कोरिया इस्तेमाल कर रहा है।

इन लोगों ने किया दावा
कंसल्टेंसी आर्मामेंट रिसर्च सर्विसेज के निदेशक के रूप में काम करने वाले हथियार विशेषज्ञ एनआर जेनजेन-जोन्स कहते हैं कि एफ-7 का सीरिया, इराक, लेबनान और गाजा पट्टी की लड़ाइयों में इस्तेमाल किया गया है।जोन्स ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, ‘उत्तर कोरिया लंबे समय से फलस्तीनी आतंकवादी समूहों का समर्थन करता रहा है और उत्तर कोरियाई हथियार संघर्ष के दौरान पहले भी मिल चुके हैं।

प्योंगयांग के हल्के हथियारों के बारे में लिखने वाले स्मॉल आर्म्स सर्वे के वरिष्ठ शोधकर्ता मैट श्रोएडर ने बताया कि हमास ने अपनी ट्रेनिंग की तस्वीरें जारी की हैं। इसमें लड़ाकू विमानों को एक हथियार के साथ दिखाया गया है, जिसके वारहेड पर एक लाल पट्टी है। इसके अलावा, इसकी डिजाइन भी एफ-7 से मेल खा रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई आश्चर्य नहीं हो रहा कि हमास के पास उत्तर कोरिया के हथियार हैं।’