हीरों का व्यापार है इसराइल की ताकत का आधार कुल निर्यात में 25 फीसदी हिस्सेदारी

हीरों का व्यापार है इसराइल की ताकत का आधार कुल निर्यात में 25 फीसदी हिस्सेदारी
हीरों का व्यापार है इसराइल की ताकत का आधार कुल निर्यात में 25 फीसदी हिस्सेदारी

तेल अवीब (एजेंसी)। इसराइल और हमास की जंग अब और भी बढ़ गई है । इस युद्ध में हिजबुल्लाह समेत अन्य की भी एंट्री हो चुकी है और इजरायल न केवल गाजा पट्टी में हमास को, बल्कि लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भी जबरदस्त हमले कर रहा है।क्षेत्रफल की दृष्टि से बेहद छोटा देश होने के बावजूद इजरायल की ताकत के लिए इसकी इकोनॉमी और आर्थिक स्थिति दुरुस्त होना अहम है।

भारत समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों के साथ इसकी व्यापारिक हिस्सेदारी है। हालांकि, निर्यात से इकोनॉमी को मिलने वाली मजबूती का बड़ा रोल है। इसमें हीरा का एक्सपोर्ट बड़ी मात्रा में किया जाता है, दूसरे शब्दों में कहें तो इजरायल हीरे के खजाने पर बैठा है और कई देशों में इसके निर्यात से मोटी रकम जुटाता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हीरे यानी इजराइल के लिए एक महत्वपूर्ण एक्सपोर्ट प्रोडक्ट हैं, जो देश के कुल निर्यात का करीब 25 फीसदी हिस्सा हैं। पॉलिश किए गए हीरों के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है और कच्चे हीरों के व्यापार का एक प्रमुख केंद्र भी है।वैश्विक कच्चे हीरे के उत्पादन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा हर साल इजराइल डायमंड एक्सचेंज में आयात किया जाता है, जहां से इसे पॉलिश करके दुनिया में एक्सपोर्ट किया जाता है. देश में ये कारोबार इतना बड़ा है कि साल 2020 में इजरायल ने 7.5 अरब डॉलर के हीरों का एक्सपोर्ट किया था और दुनिया का छठा सबसे बड़ा डायमंड एक्सपोर्टर बनकर उभरा था।